For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहा (प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा)

मात्रा तेरह विषम में  ग्यारह सम का मान

दोहा छंद सदा रचें  इसका यही विधान

पाँव  पाँव  की बात है  पूत सपूत कपूत

श्रेणी मेरी कौन सी  जानू हो अभिभूत


चला दौर प्रतियोगिता आदी अंत न छोर

सुन सुन सब जन खुश हुए मैं  भी भाव विहोर

प्रथम बार आया मजा दोहों की बारात

जाग जाग  पढता रहा फिर हो गया प्रभात

सखा  मगन बंधे बंद सजा तोरण द्वार

करें तिलक है कवि जगत  स्वागत है सरकार

ज्ञानी जन मिल बैठिये मंदिर कुटी छवाय

करम ज्ञान चरचा करें धरम ध्वजा फहराय
 

ज्ञानी जन सब आइये लेयो जशन मनाय

ऐसा अवसर फिर कहाँ अंत में न पछताय

मात  वंदना साध कर गुरुवरों  को प्रणाम

आशीष दो मोहय को सफल होय सब काम 

प्रतीक्षा गुरु आपकी जल्दी आयो धाय

चातक प्यासा मर रहा   देयो बूँद  पिलाय

 

मिला आशीष आपका दोहे से शुरुआत

मानी आज्ञा आपकी होगा जरुर प्रभात

दीजे अब आशिस मुझे प्रस्तुत छन्द समान

दोहा है  या छंद  ये इसका न मुझे  ज्ञान

.

मौलिक / अप्रकाशित 

प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा 

३०-७-२०१४ 

Views: 512

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on August 3, 2014 at 3:16pm

स्नेही जीतेन्द्र जी 

सादर आभार 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 2, 2014 at 11:54pm

सुंदर दोहावली , आदरणीय प्रदीप जी. हार्दिक बधाई आपको


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 2, 2014 at 10:08am

आदरनीय प्रदीप कुशवाहा भाई , सुन्दर दोहावली के लिए बधाइयाँ |

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on August 1, 2014 at 7:07pm

आदरणीय डा. गोपाल नारायण श्रीवास्तव  जी 

सादर 

सच ही है , मैने अभी इस दिशा में कार्य प्राम्भ किया है. आपके मार्गदर्शन कि सदेव प्रतीक्षा रहेगी 

स्नेह हेतु आभार 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 1, 2014 at 11:15am

कुशवाहा जी

दोहा एक कठिन छंद है  i केवल मात्रा  गिन लेने से काम नहीं चलता i  सौरभ जी ने छंद योजना में इसके शिल्प पर विस्तार से चर्चा की है

पर आपका यह कथन स्वीकार्य है  

दीजे अब आशिस मुझे प्रस्तुत छन्द समान

दोहा है  या छंद  ये इसका न मुझे  ज्ञान

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"  आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंद की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. सादर "
58 minutes ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"  आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, वाह ! उम्दा ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विविध
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सभी दोहे सुन्दर रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . उल्फत
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय नीलेश भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आपको "
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय बाग़पतवी भाई , बेहतरीन ग़ज़ल कही , हर एक शेर के लिए बधाई स्वीकार करें "
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । आपके द्वारा  इंगित…"
8 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"सादर प्रणाम आप सभी सम्मानित श्रेष्ठ मनीषियों को 🙏 धन्यवाद sir जी मै कोशिश करुँगा आगे से ध्यान रखूँ…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय सुशील सरना सर, सर्वप्रथम दोहावली के लिए बधाई, जा वन पर केंद्रित अच्छे दोहे हुए हैं। एक-दो…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सुशील सरना जी उत्सावर्धक शब्दों के लिए आपका बहुत शुक्रिया"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय निलेश भाई, ग़ज़ल को समय देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। आपके फोन का इंतज़ार है।"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर 'बागपतवी' साहिब बहुत शुक्रिया। उस शे'र में 'उतरना'…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service