For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा : खोटा सिक्का (गणेश जी बागी)

                       "अजी सुनती हो! देख लो तुम्हारे लाड़ले की करतूत, सेकंड इयर का रिज़ल्ट आया है, खीँच खांच के पास हुए हैं जनाब,  दिनभर दोस्तो के साथ मटरगश्ती और मारपीट करते रहते हैं, अब तो बर्दाश्त से बाहर हो गया है |"

                        "अब जाने भी दीजिए जी, बच्चा है, थोड़ी-बहुत ग़लतियाँ तो हो ही जाती हैं, आपको पता है,  बिटिया बता रही थी कि भाई के कारण ही कॉलेज मे कोई उसकी तरफ आँख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं करता।"


(मौलिक व अप्रकाशित)

पिछला पोस्ट =>चलन

Views: 1269

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 12, 2015 at 1:56am

सामाजिक विसंगतियों में परवरिश का परिणाम 

Comment by नादिर ख़ान on July 27, 2014 at 10:07pm

अदरणीय गणेश जी आपने बहुत सही जगह चोट की है, ऐसे ही बच्चे  फिर बुढ़ापे मे माँ बाप पर दबंगई दिखाते हैं, और सारा दोष बहुओं पर मढ़ दिया जाता है । उम्दा प्रस्तुति के लिए ढेरों मुबारकबाद ।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 27, 2014 at 12:50pm

आपके कथन से बिलकुल सहमत हूँ आदरणीय सौरभ भईया, लघुकथा पर आपका आशीर्वाद मिला,लेखन कर्म सार्थक हुआ, ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 27, 2014 at 12:47pm

सराहना हेतु आभार आदरणीय विनय कुमार जी।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 27, 2014 at 12:45pm

सराहना हेतु ह्रदय से आभारी हूँ आदरणीय मंजरी पाण्डेय जी। 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 27, 2014 at 12:45pm

लघुकथा आप तक पहुँच सकी, सृजन सफल हुआ, बहुत बहुत आभार, आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी। 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 27, 2014 at 12:44pm

लघुकथा पर आपका आशीर्वाद प्राप्त हुआ, मैं आभारी हूँ आदरणीय लडिवाला जी। 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 27, 2014 at 12:44pm

प्रिय शुभ्रांशु भाई, लघुकथा पर आपकी टिप्पणी उत्साहवर्धक है, बहुत बहुत आभार। 

Comment by Santlal Karun on July 20, 2014 at 9:36am

आदरणीय गणेश जी बागी जी,

लडके-लड़कियों के विभेद, भिन्न मानसिकता की परवरिश तथा सामाजिक विडम्बना पर अच्छी व्यंग्य लघु कथा,हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 10, 2014 at 2:16pm

आज के समाज में भाई पर पढ़ाई-लिखाई के सिवा और भी कितने काम हैं भाई ....सबसे बड़ा तो बहन की रक्षा..

कोलेज में दबंग भाई हो तो बहन की तरफ कोइ नज़र उठाने की जुर्रत कर भी सकता है क्या? 

बहुत ही सारगर्भित लघु कथा 

हार्दिक बधाई आ० गणेश जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service