For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आपगा सरस्वती

मंत्र है प्रमाण इस भारत मही में कभी

 वाणी की प्रतीक देवि आपगा यशस्विनी  I

बहती थी मंद -मंद  सींचती थी छंद -छंद

बोलती थी कल , कल -कंठ से मनस्विनी  I

स्नान करते थे आर्य, पान करते थे वारि

ध्यान  धरती  थी  यह धारिणी तपस्विनी I

आज यदि होती वह , मेरे पाप धोती वह

  ज्ञान  बीज  बोती,   मेरी  मातः पयस्विनी  I

 

 

(मौलिक और अप्रकाशित )

Views: 605

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 23, 2014 at 7:10pm

विजय मिश्रा जी

आपका शत -शत आभार i

Comment by विजय मिश्र on June 23, 2014 at 12:36pm
मनोहारी वर्णन ,जय मातु सरस्वती ,हें ज्ञानदा भगवती !साधुवाद गोपाल नारायनजी
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 23, 2014 at 11:15am

आदरणीय  विजय शंकर जी

 

 

 

 

 

 

 

 आपसे ऐसा ही स्नेह अपेक्षित है i सादर i

 

 

 

 

 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 23, 2014 at 11:11am

आदरणीया  विन्दु बाबु

आपके प्रति शत -शत आभार i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 23, 2014 at 11:09am

प्रिय जवाहरलाल जी

शारदा माँ पर आपका अनुराग अक्षुण्ण बना रहे i सादर i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 23, 2014 at 11:06am

आदरणीय मित्र भंडारी जी

आपके प्यार का आभार i

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 23, 2014 at 9:58am
स्तुत्य एवं वंदनीय ।
Comment by Vindu Babu on June 23, 2014 at 9:34am

महोदय, 

इस सुंदर वन्दना के लिए हार्दिक बधाई आपको।

माँ सरस्वती की कृपा आप पर सदैव बनी रहे...मेरी शुभकामनायें।

सादर

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on June 22, 2014 at 9:33pm

जय माँ वीणापाणी! जय माँ शारदे!  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 22, 2014 at 8:28pm

आदरणीय बड़े भाई गोपाल जी , माँ सरस्वती की सुन्दर वंदना  की रचना के लिये आपको हार्दिक बधाइयाँ । माँ सरस्वती की  कृपा ऐसे ही आप पर बनी रहे !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
1 hour ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
1 hour ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
1 hour ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service