For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सारे नेता खेलते

सारे नेता खेलते

सारे नेता खेलते, आज चुनावी खेल।
सत्ता के इस रूप में, द्रुपद सुता का मेल।।
द्रुपद सुता का मेल, पांडु सुत लगती जनता।
नेता शकुनी दाँव, चाल वादों की चलता।
लोक लुभावन खूब, लगाते ये हैं नारे।
चौसर बिछी बिसात, खेलते नेता सारे।१।

हांथी तीर कमान तो,कहीं हाँथ का चिन्ह।
कमल घडी औ साइकिल,फूल पत्तियाँ भिन्न।।
फूल पत्तियाँ भिन्न,दराती कहीं हथोडा।
झाड़ू रही बुहार,उगा सूरज फिर थोडा।।
देख चुनावी रंग, ढंग अपनाता साथी।
मर्कट सा व्यवहार,करे सर्कस का हांथी।२।

नोटा बटन दबाइये, सेवक हों ना योग्य।
वोट उसे ही दीजिये, चुन प्रत्याशी योग्य।।
चुन प्रत्याशी योग्य, कुशल कर्मठ विश्वाशी।
सेवाभावी अंग, प्रशासक गुण अनुशाशी।।
कहता सत्य पुकार,चले ना सिक्का खोटा।
करिये सफल प्रयोग, विफल ना होगा नोटा।३।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 464

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Satyanarayan Singh on May 9, 2014 at 4:46pm

आ. अखिलेश जी एवं आ. डॉ, आशुतोष जी 

प्रस्तुति पर उत्साहवर्धक टिप्पणी हेतु आपका ह्रदय से आभार आदरणीय 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 1, 2014 at 1:05pm

आदरणीय श्याम नारायण जी वर्तमान परिप्रेक्ष्य पर लिखी इस शानदार रचना के लिए तहे दिल बधाई सादर 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on May 1, 2014 at 12:39pm

आदरणीय सत्यनारायण् भाई 

सुंदर सामयिक चुनावी  छंद की हार्दिक बधाई , अच्छी सलाह और अच्छा व्यंग भी है

Comment by Satyanarayan Singh on April 30, 2014 at 8:57pm

आ. रमेशजी रचना की प्रशंशा एवं बधाई हेतु आपका ह्रदय से आभार प्रकट करता हूँ आदरणीय.

Comment by Satyanarayan Singh on April 30, 2014 at 8:55pm

आ. श्याम नारायण जी बधाई एवं उत्साहवर्धन हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ. आदरणीय.

Comment by Satyanarayan Singh on April 30, 2014 at 8:54pm

आ. कल्पना रामानी जी प्रस्तुति पर आपका मुखर अनुमोदन एवं बधाई हेतु आपका सादर आभार आदरणीया.

Comment by रमेश कुमार चौहान on April 30, 2014 at 2:31pm

समसमायिक विषय पर आपने सुंदर कुण्ड़लि की रचना की है बधाई हो आदरणीय सत्यनारायणजी

Comment by Shyam Narain Verma on April 30, 2014 at 10:55am
सुंदर भाव लिए, उत्तम रचना के लिए बधाई ....
Comment by कल्पना रामानी on April 29, 2014 at 11:56am

आदरणीय सत्यनारायन जी, चुनावी माहौल में बहुत सुंदर और प्रभावी छंद रचे हैं आपने पढ़कर बहुत आनंद आया। मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिये।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service