For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जाने कब तक (नवगीत)

जाने कब तक 
चले खेल सारा 
 
साँस के तार 
जब तक जुड़े है 
देह की ये 
पतंगे उड़े है 
 
है महज-
उँगलियों का इशारा   … 
जाने कब तक 
चले खेल सारा 
 
हमने देखा है 
अपना रवैया 
काम हो तो 
करें दादा-भैया 
 
ढंग जायज़ 
नहीं ये हमारा    .... 
जाने कब तक 
चले खेल सारा 
 
ये व्यवस्था का 
जोड़ो-घटाना 
गुणा -भाग का 
है तराना  
 
इसके आगे 
नहीं कोई चारा   .... 
जाने कब तक 
चले खेल सारा 
 
कर्म अच्छे 
अगर हम करेंगे 
बाद अपने भी 
जिन्दा रहेंगे 
 
रखें  पाक  
सत्संग की धारा 
जाने कब तक 
चले खेल सारा 
.
(अप्रकाशित-मौलिक रचना )
अविनाश बागड़े 

Views: 634

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by AVINASH S BAGDE on January 9, 2014 at 10:16pm

Meena Pathak ji

आपकी हौसला अफ़ज़ाई से अभिभूत हूँ 

Comment by shashi purwar on January 9, 2014 at 10:06pm

sundar bhav , sundar rachna badhai aapko ,

Comment by S. C. Brahmachari on January 9, 2014 at 8:36pm
जाने कबतक चले खेल सारा ? ~~~~~ आपकी रचना मे जीवन का दर्शन छुपा है ... हार्दिक बधाई आपको ! बरबस मुझे ये गीत याद आ रहा है ~~~ इक दिन बिक जाएगा माटी के मोल , जग मे रह जाएँगे प्यारे तेरे बोल .... कोई निशानी छोड फिर दुनियाँ से डोल ............
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 9, 2014 at 8:17pm
कर्म अच्छे 
अगर हम करेंगे 
बाद अपने भी 
जिन्दा रहेंगे ................बहुत सुंदर सार्थक सन्देश
बधाई स्वीकारें आदरणीय अविनाश जी
Comment by annapurna bajpai on January 9, 2014 at 7:08pm

आ0 अविनाश जी सुंदर नवगीत हेतु बधाई स्वीकारें ।  

Comment by Meena Pathak on January 9, 2014 at 6:42pm
कर्म अच्छे 
अगर हम करेंगे 
बाद अपने भी 
जिन्दा रहेंगे 
 
रखें  पाक  
सत्संग की धारा 
जाने कब तक 
चले खेल सारा .............. बहुत सुन्दर नवगीत .. बधाई आप को | सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
6 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
6 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
7 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। उत्तम छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service