Comment
सौरभ पाण्डेय जी आपका एक एक शब्द किसी तमगे की तरह है /नि:शब्द ,सिर्फ वाह!
रचनाएँ अपना सम्मान ले लेती हैं, आदरणीय.
आपके इन दोहों की सार्थकता पर इससे अधिक क्या कहूँ कि मन कुछ नहीं कहना चाह रहा है. मैं मन ही मन इन्हें बार-बार गुनता रहा...
जनाब नादिर ख़ान साहब ,इतने विस्तृत रूप में दोहो को पढ़ के अपना मंतव्य आपने दिया //शुक्रिया जी
श्रद्धेय सौरभ जी मेरी रचना को इतना सम्मान दिया /अभिभूत हूँ
आपने मन खुश कर दिया, आदरणीय अविनाशजी.
आभार
रमेश कुमार चौहान जी बहुत बहुत आभार।
gumnaam pithoragarhi ji शुक्रिया आपकी हौसला अफ़ज़ाई का
आशीष नैथानी 'सलिल' जी बहुत बहुत आभार।
Laxman Prasad Ladiwala ji aage se is bat ka awashy dhyan rakhunga..
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