राजनीति की शतरंज में
पैदल बिल्कुल सीधा चलता है
किंतु उसे केवल तिरछा मारने का अधिकार होता है
पैदल को रोकने के लिए उसके सामने एक पैदल लगा देना काफ़ी होता है
इसलिये पैदल संख्या में सबसे ज्यादा होते हुये भी
सबसे कमजोर मोहरा माना जाता है
कोई पैदल अगर बचते बचाते विपक्षी के घर में घुस जाय
और सारे राज जान ले
तो उसे फौरन मार दिया जाता है
या फिर वो जो बनना चाहे बना दिया जाता है
ऊँट बेचारा जो वास्तव में हमेशा सीधा चलता है
उसे तिरछा चलना और तिरछा मारना सिखा दिया जाता है
हाथी को सिखा दिया जाता है दाएँ बाएँ चलना
और जो भी रास्ते में आए उसे कुचल देना
राजनीति की शतरंज में
सबसे खतरनाक घोड़ा होता है
क्योंकि घोड़े को सिखाया जाता है कूद कूद कर मारना
इसके लिए घोड़े को दिया जाता है विशेषाधिकार
ढाई घर चलने का
विपक्षी वजीर जैसे ही कुछ करने की कोशिश करता है
घोड़े को बाहर निकाला जाता है
और बेचारा वजीर या तो डर के मारे वापस लौट जाता है
या चुपचाप जहाँ है वहीं पड़ा रहता है
राजनीति की शतरंज के मँझे हुए खिलाड़ी
घोड़े का सही इस्तेमाल करना जानते हैं
राजनीति की शतरंज में
राजा को बचाने के लिए सभी मोहरे बारी बारी अपना बलिदान देते हैं
लेकिन राजा कभी नहीं मरता
उसकी केवल मात होती है
और वो फिर से खेलने लगता है
अगली बार जीतने के लिए
-----------
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
Comment
आदरणीय धर्मेन्द्र भाई जी जिस तरह से आपने शतरंज को ध्यान में रख कर ये रचना रची है वह काबिले तारीफ है यथार्थ दर्शाती रचना हेतु बहुत बहतु बधाई स्वीकारें.
"पैदल बिल्कुल सीधा चलता है
किंतु उसे केवल तिरछा मारने का अधिकार होता है
पैदल को रोकने के लिए उसके सामने एक पैदल लगा देना काफ़ी होता है
इसलिये पैदल संख्या में सबसे ज्यादा होते हुये भी
सबसे कमजोर मोहरा माना जाता है............... "
सच है राजतंत्र हो या लोकतंत्र आम आदमी की यही स्थिति रहती है और घोड़ा ढाई घर चलने का अधिकार लेकर भी राजा के समान विशेषाधिकार नहीं पाता
समाज की व्यवस्था ,राजनीति का बहुत बढ़िया चित्रण शतरंज के खेल के माध्यम से ....बहुत बहुत बधाई आदरणीय
वाह वाह वाह,,,,आदरणीय,,,,,क्या कमाल की शतरंज ,,,,बस आनन्द आ गया,,,,,,राजनीति का बिल्कुल सही चित्रण किया है आपने,,,आपको इस हेतु,,,,,नमन,,,,,और बहुत बहुत बधाई
आदरणीय धर्मेन्द्र भाई , शतरंज और राजनीति का बहुत खूबसूरती से ताल मेल बिठाया है आपने , आप पनी बात कहने मे पूर्ण रूप से सफल रहे हैं !! रचना के लिये आपको बहुत बधाई ॥
राजनीति की शतरंज में
पैदल बिल्कुल सीधा चलता है
किंतु उसे केवल तिरछा मारने का अधिकार होता है
पैदल को रोकने के लिए उसके सामने एक पैदल लगा देना काफ़ी होता है
इसलिये पैदल संख्या में सबसे ज्यादा होते हुये भी
सबसे कमजोर मोहरा माना जाता है..........बहुत खूब लिखे हैं आदरणीय. बहुत बहुत बधाई.सादर
शतरंज के खेल में मोहरों की चाल और राजनीति के शतरंजी खेल में शह और मात की तुलना बड़ी चतुराई से की है, हार्दिक बधाई धर्मेंद्र भाई ॥ शतरंज के खेल में प्यादा मंत्री बन सकता है लेकिन राजनीति के शतरंज में चाल गलत हुई तो मंत्री / राजा की स्थिति प्यादे से भी बद्तर हो जाती है और भ्रष्ट चाल से जेल की हवा भी खानी पड़ती है। नव वर्ष की शुभ कामनाओं के साथ सप्रेम राधे- राधे ॥
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online