For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मौत की रात मेरी रूह भी रो जायेगी

२१२२       १२१२       १२२      २२२

रोज आदत जो तुमसे मिल ने की हो जायेगी 

मौत की रात मेरी रूह भी रो जायेगी 

आखिरी पल क़ज़ा जो सामने होगी मेरे 

जिन्दगी इक हसीन  ख्वाब में खो जायेगी 

आज साकी बनी ग़ज़ल खडी है महफ़िल में 

रिंद जब देंगे मशविरा  सँवर  वो  जायेगी 

हार उल्फत का देख मौत होगी शर्मिंदा 

मौत खुद जिन्दगी ही हार में पो जायेगी 

बात गुल से हसीं हो खार सी कड़वी चाहे 

बीज जेहन मे ये  ग़ज़ल के ही बो जायेगी 

यूं ग़ज़ल लिखने की दीवानगी जो देखी तो 

मौत की रात, रात खुद व खुद सो जायेगी 

शायरों के कलाम की नदी होगी सागर 

पर  ग़ज़ल इसकी लाडली लहर हो जायेगी 

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 527

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 11, 2013 at 5:36pm

आदरणीय रामशिरोमणि जी, अतेन्द्र जी, तपन जी ..आप सभी को मेरी रचना पसंद आयी ..मैं तहे दिल धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ सादर 

Comment by ram shiromani pathak on December 10, 2013 at 10:35pm

सुन्दर गज़ल आदरणीय आशुतोष जी ! हार्दिक  बधाई  आपको 

Comment by Atendra Kumar Singh "Ravi" on December 10, 2013 at 9:30pm

बधाई स्वीकारें आदरणीय डा.आशुतोष जी.......बहुत सुंदर गजल कही है 

Comment by Tapan Dubey on December 10, 2013 at 6:41pm
आदरणीय सुंदर गजल के लिए बधाई
Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 10, 2013 at 12:45pm

आदरणीय जीतेन्द्र जी ...बस यूं ही स्नेह बनाए रखें ..सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 10, 2013 at 9:55am

आखिरी पल क़ज़ा जो सामने होगी मेरे 

जिन्दगी इक हसीन  ख्वाब में खो जायेगी.......यह शेर बहुत पसंदीदा हुआ

बहुत सुंदर गजल , बधाई स्वीकारें आदरणीय डा.आशुतोष जी

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 9, 2013 at 5:16pm

आदरणीय गिरिराज भाई साब ..बस आपका स्नेह यूं ही सतत मिलता रहे ..सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 9, 2013 at 5:05pm

आदरणीय आशुतोष भाई , सुन्दर गज़ल कही है , आपको हार्दिक बधाई !!!!

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 9, 2013 at 2:59pm

आदरणीया मीना जी ..हौसला अफजाई के लिए तहे दिल धन्यवाद 

Comment by Meena Pathak on December 9, 2013 at 1:31pm

बहुत सुन्दर गज़ल |
बधाई आप को आदरणीय आशुतोष जी !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया कल्पना भट्ट जी।"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"रचना पटल पर त्वरित समय देकर प्रोत्साहक प्रतिक्रिया हेतु शुक्रिया आदरणीय अजय गुप्त 'अजेय'…"
7 hours ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"अच्छी रचना हुई है जनाब शहज़ाद उस्मानी जी। बधाई स्वीकारें"
7 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"संक्षिप्त और गूढ़। बहुत अच्छी रचना हुई है आदरणीय । सार सबका एक है पर मैं ने गड़बड़ कर दी । वाह"
9 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"आरंभ है प्रचंड ========= कस्बे के रेलवे पार्क में रोज घूमने आने वाले समूह के सदस्यों के मध्य…"
9 hours ago
Samar kabeer left a comment for Rahul Solanki
"ओबीओ पटल पर स्वागत है आपका डॉ. राहुल सोलंकी जी ।"
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"'मतलब' और 'मतलबी'! (लघुकथा):  "ज़रा ग़ौर फ़रमाइयेगा जनाब, शब्द…"
12 hours ago
Rahul Solanki is now a member of Open Books Online
16 hours ago
Sushil Sarna commented on KALPANA BHATT ('रौनक़')'s blog post डर के आगे (लघुकथा)
"वाह बहुत सुंदर और सार्थक प्रस्तुति आदरणीया जी । लघु कथा की लम्बाई कुछ अधिक लगी । सादर नमन"
17 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"स्वागतम"
yesterday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
""ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:" अंक-159 को सफल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक…"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"शुक्रिया अमित जी।"
yesterday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service