For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

यह रचना मात्र हास्य के लिए लिखी गई है। इसका किसी भी व्यक्ति विशेष या जाति विशेष से कोई सरोकार नहीं है। कृपया इसे अन्यथा न लेकर मात्र एक हास्य के रूप में स्वीकार कर अपने आशीर्वाद से अनुग्रहित करें। सादर.....

मैडम

चौबे जी का मामला, लगता डाँवाडोल।

सिर से तो फुटबॉल है, और पेट है ढोल।।

और पेट है ढोल, चले वो जैसे हाथी,

चौबन उनके संग, रहे तो खूब लजाती।

पगलाए से डाँट, डपटकर बोले क्यों बे,

उनको कहते ‘मैम’, व हमको अंकल चौबे।

 

सारे उनकी बात पे, मंद मंद मुस्काय।

चौबे जी की खोपड़ी, प्रश्न कहाँ से लाय।।

प्रश्न कहाँ से लाय, सुनो तुम मेरा उत्तर,

बेटी हुई जवान, बड़े भाई सा पुत्तर।

किंतु फिगर है सैट, अभी चौबन का प्यारे,

इसीलिए हर राह, पुकारें ‘मैडम’ सारे।

------------------------------------ सुशील जोशी

"मौलिक व अप्रकाशित"

 

संशोधित

Views: 965

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil.Joshi on October 21, 2013 at 8:56am

हा..हा..हा...... जी शुक्रिया आपका आदरणीय सुरेन्द्र जी....

Comment by Sushil.Joshi on October 21, 2013 at 8:55am

हा..हा..हा..... आदरणीय संदीप जी.... बुरा मानना तो नहीं चाहिए..... पहले ही मैं माफी माँग चुका हूँ....... हार्दिक धन्यवाद टिप्पणी के लिए...

Comment by Sushil.Joshi on October 21, 2013 at 8:55am

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय जितेनद्र भाई....

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on October 19, 2013 at 10:20pm


प्रिय सुशील जी ..अच्छी हास्य रचना ....कभी कभी ऐसा बेमेल डांवा डोल कर हंसा तो जाता ही है लोगों को तो चौबन जी काहे ना लजा जाएँ

भ्रमर ५

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on October 19, 2013 at 2:13pm

बहुत सुन्दर आदरणीय जोरदार रचना है चौबे जी को बुरा तो नहीं लगेगा न

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 19, 2013 at 10:22am

बहुत बढ़िया, मजा आ गया..बहुत बहुत बधाई आदरणीय शुशील जी

Comment by Sushil.Joshi on October 19, 2013 at 7:34am

बृजेश जी.... आपकी टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यवाद.......

Comment by Sushil.Joshi on October 19, 2013 at 7:34am

आपके प्रोत्साहन के लिए अतिश: धन्यवाद आदरणीय गणेश भाई जी....

Comment by Sushil.Joshi on October 19, 2013 at 7:33am

बहुत बहुत धन्यवाद आपका आदरणीय अजीत जी....

Comment by Sushil.Joshi on October 19, 2013 at 7:33am

आशीर्वचनों के लिए कोटि कोटि धन्यवाद आदरणीय गिरिराज जी....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
yesterday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Mar 31
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Mar 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Mar 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service