For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सफ़र

ओ बी ओ के संग मेरा, सफ़र पुराना भाई,

जानते नहीं जो मुझे, जान लो क़रीब से।

धन औ दौलत से भी, बड़ी चीज़ पाई मैंने,

शारदे की कृपा मिली, मुझको नसीब से।

लेखन में रुचि मेरी, लेखन ही जान मेरी,

लेखन है प्रिय मुझे, अपने हबीब से।

जियूँ तो कलम हाथ, मरूँ तो कलम साथ,

मानना हे प्रभु यह, विनती ग़रीब से।

----------------------------------- सुशील जोशी

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 657

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रविकर on October 5, 2013 at 6:04pm

शत प्रतिशत सहमत , आपसे हूँ बंधुवर
ओ बी ओ ने सिखाया है, हमें भी कविताई ||

शुभकामनायें आदरणीय

Comment by Sushil.Joshi on October 5, 2013 at 2:10pm

आपका हार्दिक आभार आदरणीय सचिन भाई जी...

Comment by Sushil.Joshi on October 5, 2013 at 2:10pm

मेरी कृति पर अपना आशीष बरसाने के लिए आपका अतिश: धन्यवाद आदरणीय गिरिराज भंडारी जी...

Comment by Sushil.Joshi on October 5, 2013 at 2:09pm

आपकी स्नहिल टिप्पणियाँ मेरा प्रोत्साहन हैं आदरणीया राजेश कुमारी जी.... सादर धन्यवाद

Comment by Sushil.Joshi on October 5, 2013 at 2:08pm

स्नेह के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय सौरभ जी...

Comment by Sushil.Joshi on October 5, 2013 at 2:07pm

बहुत बहुत धन्यवाद आपका आदरणीया अन्नपूर्णा जी....

Comment by Sachin Dev on October 5, 2013 at 1:55pm

बहुत अच्छे से लेखन के प्रति अपनी रूचि को व्यक्त किया है आपने भाई सुशील जी .... बधाई ! 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 5, 2013 at 11:11am
आदरणीय सुशील भाई , इस रचना के बाद कौन आपको भूल सकेगा ?सुन्दर रचना के लिये बहुत बधाई !!!!!

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 5, 2013 at 10:59am

वाह्ह्ह्हह इससे बढ़िया परिचय और क्या होगा ,सादर |


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 5, 2013 at 12:21am

वाह ! बहुत सुन्दर आत्म-परिचय बन पड़ा है, आदरणीय !

सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service