For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता:-स्वागत हे नव वर्ष !

स्वागत हे नव वर्ष !

अखिल विश्व शुभ मंगलकारी आशा के प्रतिदर्श

शुभागमन से संभव हो संभवतः चहुदिश हर्ष

स्वागत हे नव वर्ष !

 

ज्ञान ध्यान विज्ञान विशारद मानवता कहती है

विषय भोग भौतिकता में कब कहाँ शान्ति रहती है

मूल्यों और आदर्शों से वंचित नस्लें थोथी हैं

अर्थ प्रधान जगत में भारती भारत को रोती है

तुम आओ तो मिट जायेगा शायद ये संघर्ष

स्वागत हे नव वर्ष !

 

संगणक संजाल का कैसा महाजाल विस्तृत है

मायावी कृत्रिम रिश्तों में कहाँ व्यक्ति रससिक्त है

घोर बुनावट महा बनावट का श्रृंगार शोभित है

हे शुभांक तेरे आगम पर कर प्रणाम अर्चित है

तुम आओ तो आये शायद सच्चा सा उत्कर्ष

स्वागत हे नव वर्ष !

 

दादी माँ  की किस्सागोई सासू का  उपदेश

बाबा नाना  बुआ फूफा रिश्ते  हुए विदेह 

एकल और अधूरे संबंधों की सुलग अजब सी

डार से बिखरी रात की रानी दिखती बे रौनक सी

तुम आओ तो साथ ले आना थोडा संदल खस

स्वागत हे नव वर्ष !

 

सृष्टि से ही उपजे हैं हम पर दूर हुए स्रष्टा से

राम कृष्ण गौतम ईसा और गांधी सम द्रष्टा से

रामायण बाइबल अब केवल धर्मस्थल की शोभा

इस तटस्थता से विकास संस्कृति का कैसे होगा

तुम आओ तो संग संग आये स्वर्णिम भारत वर्ष

स्वागत हे नव वर्ष !

 

आगे आगे बढ़ने का आकर्षक विभ्रम फैला

ज्ञान चक्षु से देखो दीखता सबकुछ धुंधला मैला

अन्तःकरण की उन्नति का संकल्प हमें करना है

नाम हमारे मानवता का ऋण हमें भरना है

तुम आओ संग साथी लाओ धर्म मूल्य आदर्श

स्वागत हे नव वर्ष !

Views: 589

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on January 1, 2011 at 3:25pm
आभार गुरूजी और नया साल शुभ हो !!!
Comment by Rash Bihari Ravi on January 1, 2011 at 3:11pm
khubsurat manmohak
Comment by Abhinav Arun on January 1, 2011 at 2:30pm
श्री गोपाल जी बघेल जी आभार और नव वर्ष की शुभकामनाएं !!
Comment by GOPAL BAGHEL 'MADHU' on January 1, 2011 at 12:11pm
Ati sundara citran'a

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service