For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शिव महिमा [दोहे]

गँगा जल की कुण्डलियां, भर लाए शिव भक्त
कावड़ ले मनमोहिनी ,सब को करें आसक्त||


शिव नगर हरिद्वार की, महिमा अपरमपार
कावड़ मेले हैं लगे , सजे हुए बाजार||


नारे बोल बम बम के ,गूँज रहे चहुँ ओर
मस्त मलंग घूम रहे, मिल सब करते शोर||


आए पूरे देश से , बम बम करते आज
त्रिलोचन महादेव का , तिलक कर रहे आज||


लाखों भक्त शंकर का, करते हैं अभिषेक
शिवरात्री है आ गई, माथा तू भी टेक||


बम बम करते आ गए ,शिव के सेवादार
हरिद्वार से जल लिया, चढ़ाएं सपरिवार||

शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ 

....................

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 4763

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 11, 2013 at 4:56pm

आदरणीया सरिता जी, आपके प्रयास पर शुभकामनाएँ. 

भाई अरुन अनन्त जी के कहे पर आप अवश्य ध्यान दें. छांदसिक रचनाओं की मात्रिकता हल्के में नहीं ली जानी चाहिये.  अन्यथा छांदसिक रचनाओं का हेतु ही समाप्त होता है. 

सादर

 

Comment by विजय मिश्र on August 6, 2013 at 11:27am
हर हर महादेव विलासी , हें बम शंकर कैलाशी ,तू है घट-घट का बासी ,प्रभु हम भी तेरे अभिलाषी ,कल्याण करो हें अविनाशी .

पार्वती के पति उमापति देवाधिदेव महादेव की जय |
Comment by Sarita Bhatia on August 6, 2013 at 10:07am

शुक्रिया अरुण उत्साहवर्धन के लिए 

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 6, 2013 at 9:43am

बम बम भोले हर हर महादेव आदरणीय सरिता जी छंदों पर आपका प्रयास मुग्ध कर रहा है धीरे धीरे आप सही दिशा की ओर जा रही हैं, प्रयास जारी रखें मंजिल दूर नहीं, प्रयास बेहद ही अच्छा है कहीं कहीं कसावट की कमी प्रतीत होती है. बहरहाल बधाई प्रेषित कर रहा हूँ स्वीकार करें.

Comment by Pankaj Trivedi on August 5, 2013 at 10:01pm

बहौत सुन्दर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"स्वागतम"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"जी बहुत शुक्रिया आदरणीय चेतन प्रकाश जी "
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,  अच्छी ग़ज़ल हुई, और बेहतर निखार सकते आप । लेकिन  आ.श्री…"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.मिथिलेश वामनकर साहब,  अतिशय आभार आपका, प्रोत्साहन हेतु !"
6 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"देर आयद दुरुस्त आयद,  आ.नीलेश नूर साहब,  मुशायर की रौनक  लौट आयी। बहुत अच्छी ग़ज़ल…"
6 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
7 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
8 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service