For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उत्तराखंड की तबाही (आल्हा छंद पर आधारित )

ऐसी  प्रलय भयंकर आई ,होश मनुज  के दियो उड़ाय   

काल घनों पर उड़ के आया  ,घर के दीपक दियो बुझाय 

पिघली धरा मोम  के जैसे ,पर्वत शीशे से चटकाय 

ध्वस्त हुए सब मंदिर मस्जिद ,धर्म कहाँ कोई बतलाय 

बच्चे बूढ़े युवक युवतियां ,हुए जलमग्न कौन बचाय 

शिव शंकर  आकंठ डूबे  , चमत्कार नाही  दिखलाय 

केदारनाथ शिवालय भीतर,ढेर लाश के दियो लगाय 

मौत से लड़कर बच गए जो ,उनकी पीर कही ना जाय 

नागिन सी फुफकारें नदियाँ ,निर्झर  गए खूब पगलाय 

पर्वत हुए खून के प्यासे, मिलकर सभी तबाही लाय 

गौरी कुंड  में लगी समाधि ,हरिद्वार में बहकर आय 

उस पर ये जल्लादी मानव ,लूट शवों पर रहे मचाय 

कुपित  धरा  के बाण चले जब ,उसके वार सभी बिसराय 

स्वार्थी लोभी भूखे मानव ,नहीं सुने तब उसकी हाय 

कुदरत ने जो मारी कंकड़ , घड़ा पाप का फूटा जाय 

जैसी करनी वैसी भरनी , कुदरत सुनो रही समझाय

क्षीण हुआ जब उर क्रंदन स्वर ,पल भर को रवि बाहर आय 

भेजी किरणे आमंत्रण को , सुप्त प्रशासन दियो जगाय 

हंस यान पर बैठ प्रशासक,सर्वनाश चित्र देखन आय 

खबर नहीं कुछ सोच रहे हों , कैसे वोट बटोरे जाय    

उजड़ा उत्तर मान चित्र का ,फिर भी बात समझ ना पाय 

सत्ता बैठी आँख मूंदकर ,राष्ट्रिय  त्रासदी नहीं लिखाय      

************************************************** 

 मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 1215

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 27, 2013 at 10:32am

आदरणीय रविकर भाई जी इस छंद पर  अपने अंदाज में की गई प्रतिक्रिया हेतु दिल से आभार आपका । 

Comment by रविकर on June 26, 2013 at 4:47pm

आल्हा में दुर्लभ चित्रण है, दीदी कहों कहाँ तक जाय |
नदियाँ बादल मलबा पत्थर, भवन पुलों को रहे बहाय |
शंकर नंदी मगन भंग में, रचना सारी भंग कराय |
चेताते मूरख मानव को, कुदरत को अब चले बराय ||


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 26, 2013 at 3:08pm


प्रिय राम शिरोमणि पाठक जी आपको रचना पसंद आई हार्दिक आभार आपका |

Comment by ram shiromani pathak on June 26, 2013 at 1:29pm

आदरणीय राजेश कुमारी जी ,बड़ी सुन्दरता से मार्मिक चित्रण किया है आपने/हार्दिक बधाई आपको 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 26, 2013 at 9:56am

आदरणीया अन्नापूर्णा जी आल्हा पर आपकी प्रतिक्रिया से मन आह्लादित हो गया हार्दिक आभार आपका |

Comment by annapurna bajpai on June 25, 2013 at 10:35pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी बड़े ही सुंदर ढंग  भावों को आल्हा के रूप मे पिरो कर प्रस्तुत किया है । बहुत आभार आपका ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 25, 2013 at 7:54pm

आदरणीय प्रदीप कुशवाह आप सही कह रहे हैं ये ऐसी घटना थी जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी आपने रचना को मान दिया ह्रदय से आभारी हूँ । 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 25, 2013 at 6:22pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी 

सादर 

अभूतपूर्व घटना असाधरण शब्द 

बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 24, 2013 at 6:09pm

किशन कुमार जी आपका दर्द मैं समझ सकती हूँ मेरे भावों का अनुमोदन किया हार्दिक आभार आपका |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 24, 2013 at 5:20pm

आदरणीय  कुंती जी रचना पर आपका आत्मीय अनुमोदन  पाकर सुकून मिला लिखना सार्थक हुआ । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service