For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जाने कब मिलेंगे हम अब्बू आपसे...

जाने कब मिलेंगे हम अब्बू आपसे...
-----------------------------------------अनवर सुहैल (मौलिक अप्रकाशित और अप्रसारित कविता)

कब मिलेगी फुर्सत
कब मिलेगा मौका
कब बढ़ेंगे कदम
कब मिलेंगे हम अब्बू आपसे...

बेशक, आप खुद्दार हैं
बेशक, आप खुद-मुख्तार हैं
बेशक, आप नहीं देना चाहते तकलीफ
        अपने वजूद से,
                      किसी को भी
बेशक , आप नहीं बनना चाहते
                   बोझ किसी पर..
तो क्या इसी बिना पर
हम आपको छोड़ दें तनहा!

ये सच है, आप तनहा हैं
ये सच है, आप कमज़ोर हो गए हैं
ये सच है, आपकी नज़रें अब
खोजने लगी हैं अपनों को
और हम फंसे हैं
अपनी उलझनों में
अपनी परेशानियों में
निकाल नहीं पा रहे फुर्सत
जबकि इस बीच हमने की
कई शादियों में शिरकत
कई आफीसियल टूर...
एल एल टी सी लेकर
मज़े लिए दार्जिलिंग में सपरिवार
सपरिवार?
हाँ सपरिवार
क्योंकि परिवार की परिभाषा में
अब माँ-बाप कहाँ आते हैं...?

Views: 488

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 14, 2013 at 11:56pm
आदरणीय...अनवर साहब, भावपूर्ण अभिव्यक्ति..सुंदर रचना....
Comment by vijayashree on June 14, 2013 at 1:04pm

 परिवार की परिभाषा में
अब माँ-बाप कहाँ आते हैं...?

 

भावपूर्ण अभिव्यक्ति / सादर

Comment by coontee mukerji on June 14, 2013 at 1:06am

बह्त सुंदर भावना प्रधान  रचना / सादर /  कुंती

Comment by विजय मिश्र on June 12, 2013 at 6:31pm

 अनवर भाई , आपके साफगोई और एहसासात के इस बयान को सलाम . वख्त निकालिए . 

Comment by वेदिका on June 12, 2013 at 3:42pm
भावभरी रचना ....सच में ही तो कहाँ माँ-बाप परिवार में आ पाते है ..आज का नौज़वान सिर्फ अपने और अपने ही लिए तो जीने लगा है 
Comment by Sumit Naithani on June 12, 2013 at 12:42pm

बहुत सुन्दर

Comment by Shyam Narain Verma on June 12, 2013 at 12:28pm
बहुत सुन्दर...बधाई स्वीकार करें ………………
Comment by aman kumar on June 12, 2013 at 10:01am

क्योंकि परिवार की परिभाषा में 
अब माँ-बाप कहाँ आते हैं...?

विषय का चयन के लिए विशेष बधाई !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बढ़िया सुझाव ............ सादर "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"वाह "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"वाह ...................... बढ़िया सुझाव ..................... सादर "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बढ़िया सुझाव .... सादर "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बहुत बढ़िया सुझाव  धन्यवाद अमित जी "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बहुत बढ़िया सुझाव "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय नादिर खान जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति ...... हार्दिक बधाई ..... सादर "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय तिलक राज कपूर सर, आज आपकी ग़ज़ल का लुत्फ़ ले रहा हूँ. विस्तृत चर्चा कल ...... सादर "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीया ऋचा यादव जी, इस शानदार प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. सादर "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. सादर "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय जैफ जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. वरिष्ठ जनों के  सुझाओं पर ध्यानकर्षण निवेदित…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार ... सादर "
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service