For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज इतनी जल्दी क्लिनिक बंद कर के कैसे आ गए डॉक्टर साहब निशा ने दरवाज़ा खोलते ही अपने पति से पूछा|डॉक्टर अरुण बोले आज एक ऐसी पेशेंट आई जो तीन बेटियों की माँ थी और चौथी बार गर्भवती थी बोली डॉक्टर साहब मुझे गर्भ से ही एहसास हो रहा है कि ये उस कमीने का होने वाला बीज लड़का ही है जो मुझे नही चाहिए मैं नही चाहती कि कल वो भी किसी की बेटी पर उतने ही जुल्म ढाये  जो इसके बाप ने मेरे और मेरी बेटियों के ऊपर ढाये|और हैरानी की बात ये थी कि वो सच ही कह रही थी उसके गर्भ में लड़का ही था,और मैं नियम क़ानून से बंधा उसकी कोई मदद ना कर सका|बस तब से अपने आप को अस्वस्थ महसूस कर रहा हूँ इस लिए सब कुछ बंद कर के आया हूँ ,जल्दी से चाय पिला दो तो आराम करूँ,और ये सब सुनकर निशा निशब्द,यंत्रवत अपने गर्भ पर हाथ  फिराती हुई  किचन की और चल दी|     

Views: 696

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 8, 2013 at 7:12pm

हार्दिक आभार वेदिका जी ये सच है किसी स्त्री के लिए ऐसा कदम उठाना आसान नही है हालात हिम्मत दे देते हैं|  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 8, 2013 at 7:08pm

आदरणीय प्रदीप कुमार जी हार्दिक आभार आपका कहानी के मर्म में झाँकने की कोशिश की है आपने मेरा इशारा भी इसी  तरफ़ है,अपने पति की बात सुनकर एक अनजाना भय महसूस करती है ,बाकी पाठकों की अपनी- अपनी राय हो सकती है|  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 8, 2013 at 7:01pm

राम शिरोमणि जी हार्दिक आभार आपका|

Comment by वेदिका on March 8, 2013 at 5:15pm

धारणा इंसान से क्या नही करवा लेती|अच्छी लघुकथा आदरणीया  rajesh kumari जी!
शुभकामनाये
सादर वेदिका

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 8, 2013 at 5:10pm

और ये सब सुनकर निशा निशब्द,यंत्रवत अपने गर्भ पर हाथ  फिराती हुई  किचन की और चल दी|     

क्या निशा भी पुत्र नहीं चाहती 

आदरणीय राजेश कुमारी जी 

सादर 

Comment by ram shiromani pathak on March 8, 2013 at 3:32pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी बहोत ही बढ़िया लघु कथा......
मै तो बार बार पढ़े जा रहा हूँ ...प्राणाम सहित हार्दिक बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। बहुत खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
18 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया

पलभर में धनवान हों, लगी हुई यह दौड़ ।युवा मकड़ के जाल में, घुसें समझ कर सौड़ ।घुसें समझ कर सौड़ ,…See More
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"बारिश का भय त्याग, साथ प्रियतम के जाओ। वाहन का सुख छोड़, एक छतरी में आओ॥//..बहुत सुन्दर..हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्र पर आपके सभी छंद बहुत मोहक और चित्रानुरूप हैॅ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश कल्याण जी।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service