For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ठीक है, ठीक है, ठीक है
मूर्खता घाघ की लीक है

चाटना, काटना, बाँटना 
लूट की नीच तकनीक है

झूट है न्याय की भावना 
आ रही देश को हीक है

लाल है हुक्म के होंठ क्यों 
खून है या रची पीक है

राज है तो हमें डर नहीं 
सोच ये तंत्र की ज़ीक़ है

ज़ीक़ – तंग
~अमितेष 

Views: 559

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अमि तेष on December 27, 2012 at 6:23pm

shuakriya Laxman jee 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 27, 2012 at 6:00pm

ठीक है रचना ठीक लगी बधाई 

Comment by अमि तेष on December 27, 2012 at 5:04pm

शुक्रिया अरुण जी, प्रदीप जी और महिमा जी .......

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on December 27, 2012 at 4:58pm

ठीक है भाई ठीक है 

ये भी एक तकनीक है 

बधाई 

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 27, 2012 at 3:53pm

मित्र अमितेष ठीक है ठीक है ठीक है कहने के बाद आपने इतनी सारी बातें कह दीं जो बिलकुल भी ठीक नहीं हैं सुन्दर प्रस्तुति बधाई स्वीकारें.

Comment by MAHIMA SHREE on December 27, 2012 at 3:50pm

लाल है हुक्म के होंठ क्यों
खून है या रची पीक है... क्या खूब कही अमितेष जी ..बधाई आपको

Comment by अमि तेष on December 27, 2012 at 3:33pm

शुक्रिया सौरभ जी ............हीक जय का मतलब होता है घिन आना 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 27, 2012 at 3:14pm

भाई अमितेषजी, आजकल एक ’ठीक है’ ने सब गोलगपाड़ा कर रखा है.  उसी ’ठीक है’ को आपने बखूबी बांधा है. बधाई स्वीकार करें.

’हीक’ का सही मतलब क्या है, भाई ?

Comment by अमि तेष on December 27, 2012 at 12:17pm
शुक्रिया
Comment by Shyam Narain Verma on December 27, 2012 at 12:16pm

KYA BAT HAI

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
16 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
16 hours ago
Tilak Raj Kapoor updated their profile
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
17 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service