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मुल्क में कोहराम कैसा है

मुल्क में कोहराम कैसा है
या खुदा ये निजाम कैसा है

बाद दंगों के क्या दिखा तुमको
कैसा अल्लाह राम कैसा है

हाथ जोड़े थे वोट लेने को  
देखना अब के काम कैसा है

खातिरे हक़ चली ये आंधी को 
रोकने इंतजाम कैसा है  

बादशा से सवाल करता जो
बेअदब ये गुलाम कैसा है 

मूक अंधी बधिर ये सत्ता से 
जो मिला ये इनाम कैसा है 

हुक्मरानों के शहर में देखो 
भीड़ कैसी ये जाम कैसा है 

कह रहा "दीप" देश की हालत 
आप कहिये कलाम कैसा है  

संदीप पटेल "दीप"

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Comment

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Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on January 3, 2013 at 3:49pm

आदरणीय वीनस सर जी , आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी , आदरणीय प्रदीप सर जी , आदरणीय गणेश सर जी , आदरणीय अमितेश जी , आदरणीय खरे सर जी सादर प्रणाम
आप सभी का इस हौसलाफजाई के लिये तहे दिल से शुक्रिया और सादर आभार
अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखिये सादर
आदरणीय गणेश सर जी मैं इस शेर और दुरुस्त करने की कोशिश करूँगा
आपका सादर आभार

Comment by Dr.Ajay Khare on December 28, 2012 at 12:13pm

sandeep ji kya katach kiya he badhai ke adhikaari he so de raha hu

Comment by वीनस केसरी on December 28, 2012 at 1:55am

बहुत खूब भाई
ये ग़ज़ल तो छूट ही गई थी
आज नज़र पडी

अच्छी ग़ज़ल हुई है
बधाई स्वीकारें

Comment by अमि तेष on December 26, 2012 at 11:25pm

बढ़िया है .............


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 26, 2012 at 9:45pm

///खातिरे हक़ चली ये आंधी को रोकने इंतजाम कैसा है /// इसे फिर से देखें |

बाकी अशआर अच्छे लगें, दाद कुबूल करें |

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on December 26, 2012 at 4:18pm

बहुत बढ़िया कलाम 

ले लीजिए अब सलाम 

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 26, 2012 at 1:55pm

मित्रवर सभी की सभी पंक्तियाँ सत्यता को पूर्णतया दर्शा रही हैं, कलाम लाजवाब है मित्र मेरी ओर से ढेरों बधाइयाँ ...

Comment by Shyam Narain Verma on December 25, 2012 at 1:11pm

bahot khoob.................................

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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