For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हाइकु

ओ. बी. ओ. के सभी गुरुजनों, मित्रों एवं पाठकों को मेरा विन्रम प्रणाम. आज ओ. बी. ओ. पर काफी दिनों के बाद मेरा आना हुआ है. और ऐसा महसूस हो रहा है कि एक भूला-भटका राही अपने खुशहाल घर वापस आ गया, जहाँ बड़ों का आशीष है, स्नेह है, सहयोग है और कदम- 2 पर साथ है. हाइकु लिखने की पहली कोशिश है मालुम नहीं ठीक है या गलत, आशा करता हूँ कि आप सब मार्गदर्शन अवश्य करेंगे.

सादर
अरुन शर्मा

पराया धन
बढ़ाता परेशानी
मन में चिंता

बुरी नज़र
जलाती तिल तिल 
प्रेम संसार

क्रोधित मन
समझता कब है
अपनी भूल

ज्ञानी ह्रदय
बड़ा शांत स्वभावी 
प्रकृति जैसा 

फूल के पीछे
पड़ी हवा दिवानी
भौंरा पागल

शाम - सबेरे
है ठण्ड झकझोरे
शीत ऋतु की 

घूमा मंदिर
भगवान को पाया
मन भीतर

माँ की ममता
अथाह पारावार
पार न पाए

Views: 508

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 17, 2012 at 12:01pm

आदरणीय अशोक सर सब यहीं से सीख रहा हूँ, आगे भी सीखने की कोशिश जारी है बस आप सभी का स्नेह और आशीष बना रहा रहे.

Comment by Ashok Kumar Raktale on December 16, 2012 at 12:21am

ज्ञानी ह्रदय
बड़ा शांत स्वभावी 
प्रकृति जैसा 
वाह! क्या बात है बहुत सुन्दर हाइकू के लिए सादर  बधाई स्वीकारें अरुण जी

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 3, 2012 at 5:07pm

शुक्रिया - शुक्रिया आदरणीय डॉ. बाली सर

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on December 3, 2012 at 4:11pm

अरुण जी आपने मानवीय भावनाओं को बहुत अच्छे शब्दों से उकेरा है इन हाइकु के माध्यम से। 

अच्छा प्रयाश ।

बधाई हो !

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 3, 2012 at 1:36pm

आदरणीय योगराज सर आपका आशीष मिल गया मैं धन्य हुआ, माँ सरस्वती की कृपा से और आदरेया प्राची जी की बातों को ध्यान में रखते हुए, अगली बार और बेहतर लिखने का प्रयास करूँगा.


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on December 3, 2012 at 1:25pm

कथ्य और शिल्प की दृष्टि से बहुत बेजोड़ और सारगर्भित हाइकु कहे हैं भाई अरुण शर्मा जी, मेरी हार्दिक बधाई स्वीकारें। डॉ प्राची सिंह जी की बात पर भी अवश्य ध्यान दें।

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 3, 2012 at 12:55pm

आदरेया प्राची जी सराहना हेतु आपका शुक्रिया और जो बारीकी आपने मुझे हाइकू के बारे में बताई है इससे मैं अभी तक अनभिज्ञ था मार्गदर्शन हेतु आपका अनेक-2 धन्यवाद.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 3, 2012 at 12:37pm

हाइकू विधा पर आपका प्रथम प्रयास सराहनीय है अरुण शर्मा जी

हाइकू लिखते हुए समय दो बातों का ध्यान बहुत ज़रूरी है, पहली ये की तीनों पंक्तिया अपने आप में स्वतंत्र अस्तित्व रखें. ऐसा नही लगना चाहिए कि एक ही पंक्ति को तोड़ कर दो भागों में लिखा गया है...

जैसे , 

फूल के पीछे 
पड़ी हवा दिवानी 
भौंरा पागल....इस हाइकू में लग रहा है.

दूसरी बात, यदि प्रथम पंक्ति और तीसरी पंक्ति सम्तुकांत हो, तो हाइकू की गेयता बेहद निखर जाती है.

इन बातों का ध्यान रख बहुत सुन्दर हाइकू लिखे जा सकते हैं. भावों की सघनता के लिहाज से आपने बहुत अच्छे हाइकू लिखे है. बधाई इस सद्प्रयास हेतु 

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 3, 2012 at 11:02am

आदरणीय लक्ष्मण सर  सराहना एवं हौंसला आफजाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 3, 2012 at 10:59am

आदरणीय अरुण सर सराहना हेतु अनेक-2 धन्यवाद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, नए अंदाज़ की ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके संकल्प और आपकी सहमति का स्वागत है, आदरणीय रवि भाईजी.  ओबीओ अपने पुराने वरिष्ठ सदस्यों की…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपका साहित्यिक नजरिया, आदरणीय नीलेश जी, अत्यंत उदार है. आपके संकल्प का मैं अनुमोदन करता हूँ. मैं…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"जी, आदरणीय अशोक भाईजी अशोभनीय नहीं, ऐसे संवादों के लिए घिनौना शब्द सही होगा. "
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . उल्फत
"आदरणीय सुशील सरना जी, इन दोहों के लिए हार्दिक बधाई.  आपने इश्क के दरिया में जोरदार छलांग लगायी…"
6 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"माननीय मंच एवं आदरणीय टीम प्रबंधन आदाब।  विगत तरही मुशायरा के दूसरे दिन निजी कारणों से यद्यपि…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा षष्ठक. . . . आतंक
"आप पहले दोहे के विषम चरण को दुरुस्त कर लें, आदरणीय सुशील सरना जी.   "
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आप वस्तुतः एक बहुत ही साहसी कथाकार हैं, आ० उस्मानी जी. "
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आदरणीया विभा रानी जी, प्रस्तुति में पंक्चुएशन को और साधा जाना चाहिए था. इस कारण संप्रेषणीयता तनिक…"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"सादर नमस्कार आदरणीय सर जी। हमारा सौभाग्य है कि आप गोष्ठी में उपस्थित हो कर हमें समय दे सके। रचना…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रस्तुति नम कर गयी. रक्तपिपासु या हैवान या राक्षस कोई अन्य प्रजाति के नहीं…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"घटनाक्रम तनिक खिंचा हुआ प्रतीत तो हो रहा है, लेकिन संवादों का प्रवाह रुचिकर है, आदरणीय शेख शहज़ाद…"
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service