For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फिर कौरव सेना सम्मुख है एक महाभारत रच डालो|

कभी गुलामी के दंशों ने , कभी मुसलमानी वंशों ने
मुझे रुलाया कदम कदम पर भोग विलासीरत कंसो ने
जागो फिर से मेरे बच्चों शंख नाद फिर से कर डालो
फिर कौरव सेना सम्मुख है एक महाभारत रच डालो||

मनमोहन धृष्टराष्ट बन गया कलयुग की पहचान यही है 
गांधारी पश्चिम से आकर जन गण मन को ताड़ रही है
भरो गर्जना लाल मेरे तुम माँ का सब संकट हर डालो
फिर कौरव सेना सम्मुख है एक महाभारत रच डालो ||

 टू जी आवंटन का रेला  ओलम्पिक में चौसर खेला
    खाद्यानो में घोल रहे हैं महंगाई का जहर  विषैला
विषधर ना बन पायें कल ये सभी सपोले दफना डालो
फिर कौरव सेना सम्मुख है एक महाभारत रच डालो ||

पन्ने बीते कल के खोलो मैंने कितने वीर जने हैं
तिलक मेरी मिटटी का करके लाल मेरे रणवीर बने हैं
कालिख पोते इन दुष्टों के काट मुंड गर्जन भर डालो
फिर कौरव सेना सम्मुख है एक महाभारत रच डालो ||

फिर मेरे गौरव को सोने की चिड़िया का ताज लगा दो
इन दुष्टों के काले धन को चौराहे पर आग लगा दो
नहीं चाहिए मुझको जूठन भूखे शेरों घात लगा लो
फिर कौरव सेना सम्मुख है एक महाभारत रच डालो ||..........मनोज

Views: 526

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Manoj Nautiyal on October 22, 2012 at 8:40am

shukriya aap sabhi mitron ka 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 21, 2012 at 6:46pm

आज कल के हालात को देखकर ये शब्द निकलने लाजिम हैं बहुत रोष और ओज पूर्ण कविता बहुत बहुत बधाई 

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on October 21, 2012 at 5:06pm
अरे मनोज जी इस गीत में तो आग है आग।ये तेवर तो नपुंसक में भी वीरता का संचार कर सकता है।राष्ट्र कवि दिनकर जी के बाद यह आग आपकी रचन में दिखाई पड़ रहा है।लेकिन सर अरस्तू ने कहा था-अपेक्षाकृत गर्म क्षेत्रों के निवासी एशियाई बुद्धि व तकनीकि कुशलता में तेज जबकि स्वभाव आलसी व कायर होते हैं।जो काफी हद तक सही भी है।हमारा इतिहास गवाह है कि राम को छोड़कर हमारे इसी रणबांकुरे ने उपनिवेश बनाने की जहमत नहीं उठाई,अलबत्ता आपस में ही लड़कर मरें।जैसे:-महाभारत युद्ध,यदुवंश संहार,राजपूत राजाओं का युद्ध आदि।मुस्लमानों से तो हम स्वतंत्र हो नहीं सके और अंग्रेजों से पूरे 347 वर्ष बाद आजाद हुये।
लेकिन आपके गीत की ये आग काबिले दाद है।बधाई।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 21, 2012 at 4:17pm

इस जोशीले सामयिक गीत की जितनी तारीफ़ करें कम होगी, बहुत बहुत बधाई इस रचना पर.

Comment by Chidanand Shukla on October 19, 2012 at 11:24am

वाह वाह क्या खूब लिखा है मनोज जी आपने सुन्दर गीत 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service