For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दूर तुम हो पास अब तन्हाई है

दूर तुम हो पास अब तन्हाई है
ज़िंदगी किस मोड़ पर ले आई है

हुस्न वाले चैन छीने दर्द दें
अक्ल अब जा के ठिकाने आई है

काटनी होगी फसल तन्हाई की
पर्वतों सी हो गयी ये राई है

रात आधी चाँद पूरा नींद गुम
चोट दिल की भी उभर सी आई है

आजकल क्यूँ गुम से रहते हो बड़े
मुझसे पूछे रोज मेरी माई है

तुम न हो तो फ़िक्र करते सब मेरी
दोस्त पूछे, ध्यान रखता भाई है

दिल न लगता है किसी भी अब जगह
दिल लगाने की सज़ा यूँ पाई है

आड़ में उसकी छुपा था चाँद कल
मुँह चिढ़ाता आज ये हरजाई है

जानता हूँ किस गली है घर तेरा
फ़िक्र आने में मगर रुसवाई है

Views: 409

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by DEEP ZIRVI on October 12, 2010 at 4:08pm
आजकल क्यूँ गुम से रहते हो बड़े
मुझसे पूछे रोज मेरी माई है.
कागजों को पीड़ा दिल की ये कहे ;
जब की उस के पास उस की माई है
Comment by DEEP ZIRVI on October 12, 2010 at 4:07pm
कागजों को पीड़ा दिल की ये कहे ;
जब की उस के पास उस की माई है
Comment by DEEP ZIRVI on October 12, 2010 at 4:04pm
आड़ में उसकी छुपा था चाँद कल
मुँह चिढ़ाता आज ये हरजाई है.JEEEO JI

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 11, 2010 at 10:59pm
बहुत खूब विकास भाई, बहुत बढ़िया जा रहे हो आप, बधाई आपको ,
Comment by आशीष यादव on October 11, 2010 at 3:48pm
आजकल क्यूँ गुम से रहते हो बड़े
मुझसे पूछे रोज मेरी माई है
waah bhaiya

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
23 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service