For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

१. भाई-बहिन
बाँटें प्यार ही प्यार
राखी के दिन
 
२. खुशी की घड़ी
न्यारी थाली सजाये
बहना खड़ी
 
३. अक्षत-रोली
आरती-मिठाईयाँ
हंसी-ठिठोली
 
४. रंग-बिरंगी
चटख सतरंगी
चमके राखी
 
५. नहा-धोकर
नए वस्त्र पहने
भईया बैठा
 
६. हुई आरती
लगा माथे पे टीका
बंधेगी राखी
 
७. ये बंधी राखी
मुंह में गया लड्डू
अब नेग दो
 
८. भैया का पर्स
छीन भागी छुटकी
देखो शैतानी
 
९. भैया भी हंसा
लुटाया खूब प्यार
वाह क्या पर्व
 
१०. दीदी कहती
आज देना पड़ेगा
वर्ना मारुँगी
 
११. यही माहौल
ऐसे-ऐसे उत्सव
काश रोज हों

Views: 451

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on July 27, 2012 at 7:58am

धन्यवाद.

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on July 26, 2012 at 10:38am
आदरणीय रक्ताले सर, सुझाव के लिए आपका हार्दिक आभार। आपके कहे अनुसार संशोधन कर दिया है। स्नेह बनाए रखिएगा।
Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on July 26, 2012 at 10:33am
हाइकु पसंद करने के लिए आपका आभार आदरणीया राजेश जी। स्नेह बनाए रखिएगा।
Comment by Ashok Kumar Raktale on July 25, 2012 at 11:56pm

 गौरव जी

           नमस्कार,

यही माहौल

ऐसे-ऐसे उत्सव

काश रोज हों
 बिलकुल सही कहा है आपने. सुन्दर हाइकू बधाई.
 आपको बुरा ना लगे तो कहना चाहूँगा की
७ नंबर के हाइकू में 'मुंह में गया लड्डू," होता तो और भी सुन्दर लगता.

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 25, 2012 at 2:06pm

वाह वाह बहुत सुन्दर राखी हाइकु बधाई आपको 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service