For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

परिवर्तन वरदान या बोझ

परिवर्तन के नाम पर ,अलग -अलग है सोच 

किसी ने वरदान कहा ,इसे किसी ने बोझ ||

परिवर्तन वरदान है ,या कोई अभिशाप 

एक को बांटे खुशियाँ ,दूजे को संताप ||

विघटित करके देश के ,कई प्रांत बनवाय 

महा नगर विघटित हुए ,इक -इक शहर बसाय||

शहर- शहर विघटित हुए ,और बन गए ग्राम 

ग्रामों में गलियाँ बनी ,परिवर्तन से  धाम||

घर बाँट दीवार कहे ,परिवर्तन की खोज

बूढ़े मात -पिता कहें ,ये छाती पर सोज ||

जो नियम भगवान् रचे ,वो वरदान कहाय

मौसमी परिवर्तन पर ,प्रकृति शीश नवाय||

कहीं -कहीं इंसान ने ,खूब  किये हैं काम 

परिवार नियोजित किये ,परिवर्तन के नाम ||

दोष पतन की खान हैं ,जाने सकल जहान

स्वभाव परिवर्तित करे ,वो इंसान महान ||

जो प्रकृति से छल करे ,स्वारथ हित में रोज 

वो परिवर्तन तो बने ,उस जीवन पर सोज  ||

परिवर्तन वरदान बन ,प्रगति प्रशस्त कराय

बसा रहा स्वारथ अगर ,काल गर्त बन जाय ||

********

Views: 668

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by deepti sharma on July 12, 2012 at 10:55pm

जो नियम भगवान् रचे ,वो वरदान कहाय

मौसमी परिवर्तन पर ,प्रकृति शीश झुकाय||

बहुत खुबसूरत रचना बहुत अच्छी लगी बहुत बहुत बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 12, 2012 at 10:46pm

सुरेन्द्र कुमार भ्रमर जी आप लोगों की प्रतिक्रिया से मेरी लेखनी को बल मिला उत्साह मिला हार्दिक आभार 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 12, 2012 at 10:31pm

घर बाँट दीवार कहे ,परिवर्तन की खोज 

बूढ़े मात -पिता कहें ,ये छाती पर बोझ ||

दोष पतन की खान हैं ,जाने सकल जहान

स्वभाव परवर्तित करे ,वो इंसान महान ||

जो प्रकृति से छल करे ,स्वार्थ हित में रोज 

वो परिवर्तन तो बने ,उस जीवन पर बोझ ||

आदरणीया राजेश कुमारी जी ..बहुत सुन्दर विन्दुओं को उजागर किया है आप ने ..लोग कुछ तो झांके इस दर्पण में ...बधाई 

 ...बधाई 
भ्रमर ५  .

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 12, 2012 at 10:12pm

बहुत बहुत हार्दिक आभार

Comment by Albela Khatri on July 12, 2012 at 10:05pm

मैं तो दर्पण हूँ राजेश कुमारी जी ..........
झूठ नहीं कहता
पंक्तियाँ वाकई इत्ती शानदार हैं कि  बांच कर  मन प्रसन्न हो गया

___आप बधाई की सच्ची पात्र हैं


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 12, 2012 at 10:01pm

अलबेला जी आपने मुक्तकंठ से प्रशंसा की मेरे दोहों पर मन गद गद हो गया एक प्रोग्राम में परिवर्तन शब्द दिया गया है  लिखने के लिए सोचा पहले ओ बी ओ को भेंट कर दूँ आप       

   का हार्दिक आभार

Comment by Albela Khatri on July 12, 2012 at 9:39pm

वाह वाह वाह वाह
कमाल की कविता राजेश कुमारी जी.........
खासकर ये पंक्तियाँ.......

दोष पतन की खान हैं ,जाने सकल जहान

स्वभाव परवर्तित करे ,वो इंसान महान ||

जो प्रकृति से छल करे ,स्वार्थ हित में रोज 

वो परिवर्तन तो बने ,उस जीवन पर बोझ ||

परिवर्तन वरदान बन ,प्रगति प्रशस्त कराय

स्वार्थ बसा रहा अगर ,काल गर्त बन जाय ||

__भाई मैं तो चेला हो गया आपका

___बहुत बहुत अभिनन्दन !

___बहुत बहुत बधाई !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. अजय जी.आपकी दाद से हौसला बढ़ा है.  उस के हुनर पर किस को शक़ है लेकिन उस की सोचो…"
42 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"बहुत उत्तम दोहे हुए हैं लक्ष्मण भाई।। प्रदत्त चित्र के आधार में छिपे विभिन्न भावों को अच्छा छाँदसिक…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहे*******तन झुलसे नित ताप से, साँस हुई बेहाल।सूर्य घूमता फिर  रहा,  नभ में जैसे…"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी को सादर अभिवादन।"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय"
12 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
12 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"ऐसे ऐसे शेर नूर ने इस नग़मे में कह डाले सच कहता हूँ पढ़ने वाला सच ही पगला जाएगा :)) बेहद खूबसूरत…"
20 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)

हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
yesterday
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा

.ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा, मुझ को बुनने वाला बुनकर ख़ुद ही पगला जाएगा. . इश्क़ के…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय रवि भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो  कर  उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. नीलेश भाई , ग़ज़ल पर उपस्थिति  और  सराहना के लिए  आपका आभार  ये समंदर ठीक है,…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"शुक्रिया आ. रवि सर "
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service