For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नयन लाज से झुक- झुक जाएँ
दिल में प्रीत म्रदंग बजाये
मादक मेघ चुराए काजल
क्या सखी साजन ??
ना सखी बादल |

चुपके से दृग द्वार पे आयें
गुदगुदाती बयार साथ में लायें
प्रीत छुपाये दिल में अपने
क्या सखी साजन ??
ना सखी सपने |

चित्त कल्पना में डूबता जाए
मन मीत हाथों पे लकीरे बनाए
सतरंगों से सजाये सवेरा
क्या सखी साजन ??
ना सखी चितेरा |

रुत खामशी से अगन लगाए
जहां बावरे मयूर नृत्य दिखाएँ
गुनगुनाएं घाटियाँ मन भावन
क्या सखी साजन ??
ना सखी सावन |

वो एतिहासिक क्षण भी आये
प्यार में मैंने मोती लुटाये
जब देखा वो प्रीत महल
क्या सखी साजन ??
ना सखी ताज महल |

Views: 717

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 26, 2012 at 7:51pm

अलबेला खत्री जी बहुत बहुत आभार आपका 

Comment by Albela Khatri on June 25, 2012 at 1:11pm

कमाल करती हैं राजेश कुमारी जी........
इस निर्लज्ज दौर  में लाज की बात करती हैं
आपका तो चरण वन्दन होना चाहिए........


नयन लाज से झुक- झुक जाएँ
दिल में प्रीत म्रदंग बजाये
मादक मेघ चुराए काजल
क्या सखी साजन ??
ना सखी बादल |

_________एक विनती है आप से,  कृपया प्रकाशित करने से पूर्व  एक बार अपनी रचना को ध्यान से बांच लिया करें ताकि  टंकण की त्रुटियाँ दूर की जा सकें.........वैसे आपकी कह मुकेरियां  लाजवाब हैं.शानदार हैं...इनके लिए मुक्तकंठ से बधाई !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 23, 2012 at 10:23am

योगी सारस्वत जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 23, 2012 at 10:22am

सुरेन्द्र कुमार भ्रमर जी प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 23, 2012 at 10:21am

रेखा जोशी जी हार्दिक आभार 

Comment by Yogi Saraswat on June 23, 2012 at 10:16am

वो एतिहासिक क्षण भी आये
प्यार में मैंने मोती लुटाये
जब देखा वो प्रीत महल
क्या सखी साजन ??

ना सखी ताज महल |
आदरणीय राजेश  कुमारी  जी  , सादर  नमस्कार  ! बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on June 23, 2012 at 1:13am

नयन लाज से झुक- झुक जाएँ 
दिल में प्रीत म्रदंग बजाये 
मादक मेघ चुराए काजल 
क्या सखी साजन ??
ना सखी बादल | 

आदरणीया राजेश कुमारी जी बहुत सुन्दर कह मुकेरियां ...मन भावन ...जैसे सावन ...भ्रमर ५ 

Comment by Rekha Joshi on June 22, 2012 at 9:42pm

नयन लाज से झुक- झुक जाएँ 
दिल में प्रीत म्रदंग बजाये 
मादक मेघ चुराए काजल 
क्या सखी साजन ??
ना सखी बादल | ,Rajesh ji ati sundr panktiyaan ,badhai 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 22, 2012 at 9:40pm

प्रदीप कुमार जी प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 22, 2012 at 4:01pm

नयन लाज से झुक- झुक जाएँ 
दिल में प्रीत म्रदंग बजाये 
मादक मेघ चुराए काजल 
क्या सखी साजन ??
ना सखी बादल | 

आदरणीया  राजेश कुमारी जी, सादर 

वाह, शब्द नहीं.  बधाई.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
6 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
10 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
11 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
13 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
13 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service