For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हाइकु (सिर मुंडाते ही,हास्य )

हाइकु (सिर मुंडाते ही,हास्य  )

(1) 
सिर मुंडाया 
दुकान से निकले 
ओले बरसे 
(२)
पहली बार 
वो छतरी में आई 
बारिश थमी 
(३)
इम्तहान था 
लिखना शुरू किया 
कलम टूटी 
(४)
भागते हुए 
प्लेटफार्म पंहुचा 
ट्रेन निकली 
(५)
श्रृंगार हेतु 
ज्यों घूंघट पलटा
शीशा चटका 
(६)
मिन्नतों बाद 
बाईक पे लिफ्ट दी 
टायर फुस्स
(७)
गिरा आँचल 
लपक के उठाया 
थप्पड़ पड़ा 
(८)
जल्दी पंहुची 
पहला साक्षात्कार 
जबान सूखी 
(९)
पहली बार 
बाग़ में आम आये 
बन्दर घुसे 
(१०)
पहली बार 
चुनाव मैदान में 
जमानत टें
****** 

Views: 734

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 21, 2012 at 3:40pm

प्रदीप कुमार जी आभार हँसते हंसाते रहो 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 21, 2012 at 3:38pm

 योगराज जी हार्दिक आभार यही तो जिंदगी है हँसते हंसाते रहो

Comment by Sarita Sinha on May 21, 2012 at 3:27pm

आदरणीय राजेश कुमारी जी, नमस्कार, 

हाइकू लिखने वाले मुझे जादूगर से कम नहीं लगते...छोटे से पिटारे में फूल, रुमाल, कबूतर, खरगोश न जाने क्या क्या भरा रहता है फिर भी  खाली का ख़ाली दीखता है...कमाल है बिलकुल..

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 21, 2012 at 3:21pm
 हा हा  हा हा हा हा  आहा हा हा हा .... मज़ा आ गया हास्य हाइकू पढ़ कर
आज का दिन कितना प्यारा है.. सुबह सुबह आदरणीय शन्नो जी नें शरबत पिलाया और अब आपने इतना हंसाया...  unexpected surprises
...इस हास्यमय प्रयोग के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय राजेश कुमारी जी
Comment by AVINASH S BAGDE on May 21, 2012 at 3:00pm
पहली बार
वो छतरी में आई
बारिश थमी .....hard luck...
sabhi khaiku hansate-hasate huye...
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 21, 2012 at 2:10pm

 आदरणीय राजेश  कुमारी  जी, सादर 

sare बढ़िया पर भय ये , badhai 
पहली बार 
वो छतरी में आई 
बारिश थमी 

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 21, 2012 at 1:31pm

यह रंग भी ?
आनंद ही आनंद
थोडा दंग भी .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। इस मनमोहक छन्दबद्ध उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
6 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
" दतिया - भोपाल किसी मार्ग से आएँ छह घंटे तो लगना ही है. शुभ यात्रा. सादर "
6 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"पानी भी अब प्यास से, बन बैठा अनजान।आज गले में फंस गया, जैसे रेगिस्तान।।......वाह ! वाह ! सच है…"
6 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"सादा शीतल जल पियें, लिम्का कोला छोड़। गर्मी का कुछ है नहीं, इससे अच्छा तोड़।।......सच है शीतल जल से…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोर  आ रे सूरज देख लें, किसमें कितना जोर .....वाह…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तुम हिम को करते तरल, तुम लाते बरसात तुम से हीं गति ले रहीं, मानसून की वात......सूरज की तपन…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहों पर दोहे लिखे, दिया सृजन को मान। रचना की मिथिलेश जी, खूब बढ़ाई शान।। आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत दोहे चित्र के मर्म को छू सके जानकर प्रसन्नता…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई शिज्जु शकूर जी सादर,  प्रस्तुत दोहावली पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आर्ष ऋषि का विशेषण है. कृपया इसका संदर्भ स्पष्ट कीजिएगा. .. जी !  आयुर्वेद में पानी पीने का…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत दोहों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service