For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विवशता ( कविता )

मजदूर दिवस को समर्पित


विवशता ( कविता )

बड़ी देर से

इंतजार था कुत्ते को

रोटी के टुकड़े का

और जैसे ही

इंतजार समाप्त होने को आया

घट गई एक अनोखी घटना

मालिक के

रोटी फैंकते ही

एक कौआ

न जाने कहाँ से

उतरा जमीन पर

झट से रोटी को

दबाकर चोंच में

उड़ गया फुर्र से

कुत्ता बेतहाशा उसके पीछे दौड़ा

मगर उसकी दौड़-धूप भी

कोई रंग न लाई

हारकर

थककर

टूटकर

एक मजदूर की भाँति

विवश-सा होकर

वह बैठ गया

और उससे थोड़ी दूरी पर

वह कौआ

पेड़ की शाख पर

ऐसे ही बैठा था

जैसे बैठा हो मिल मालिक कोई .

दिलबाग विर्क

Views: 556

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by दुष्यंत सेवक on May 3, 2012 at 4:27pm

majboori ko sundar shabdon mein bayaan kiya hai .. badhai sweekaren virk sahab

Comment by वीनस केसरी on May 2, 2012 at 11:33pm

वाह विर्क साहब बहुत सुंदर बिम्बित किया है

कविता खूब पसंद आई

बधाई

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 2, 2012 at 1:20pm

bhai dilbaag ji, saadar.

kitni mahatvpurna baat itni saadgi se kah di. badhai. 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 2, 2012 at 9:38am

वह कौआ

पेड़ की शाख पर

ऐसे ही बैठा था

जैसे बैठा हो मिल मालिक कोई .

वाह वाह , विर्क जी, क्या कहने , इस कविता के माध्यम से आपने बहुत बड़ी बात कह दी है, रोटी किसी की किसी के पास है, बहुत बहुत बधाई आपको |

Comment by आशीष यादव on May 1, 2012 at 10:16pm

बहुत सुन्दर रूपक पेश किया आपने।
बेहतरीन रचना पर मेरी बधाई स्वीकार करें।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 1, 2012 at 3:50pm

इशारों-इशारों में बहुत कुछ कहा है आपने, भाई दिलबाग़ जी.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 1, 2012 at 12:49pm

बहुत बढ़िया कटाक्ष ..बहुत खूब 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-96 (विषय: अनुभव)
"नमस्कार। विषयांतर्गत संस्मरणात्मक बढ़िया भावपूर्ण रचना हेतु मुबारकबाद आदरणीय मोहन बेगोवाल साहिब।…"
7 minutes ago
DR ARUN KUMAR SHASTRI replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-96 (विषय: अनुभव)
"* जिद्द *मेरी उम्र के अनुसार मेरे अनुभव जो मैंने अपनी वयानुसार देखे समझे व् व्यतीत किये अधिकाधिक १०…"
2 hours ago
Dr. Geeta Chaudhary commented on Dr. Geeta Chaudhary's blog post कविता: "एक वज़ह"
"आभार सर आपका..."
4 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on नाथ सोनांचली's blog post ग़ज़ल (गर आपकी ज़ुबान हो तलवार की तरह)
"क्या ही खूब ग़ज़ल कही है आदरणीय सोनांचली जी..."
6 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on मनोज अहसास's blog post अहसास की ग़ज़ल:मनोज अहसास
"वाह वाह आदरणीय मनोज जी बहुत ही खूब ग़ज़ल कही..."
6 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पतझड़ से मत घबराना मन (गीत- २१)- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत ही खूबसूरत गीत है आदरणीय धामी जी...सादर"
7 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Chetan Prakash's blog post गज़ल ः
"आदरणीय चेतन जी अच्छा प्रयास है...आदरणीय धामी जी से सहमत हूँ..."
7 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Dr. Geeta Chaudhary's blog post कविता: "एक वज़ह"
"अच्छी प्रवाहमयी कविता के लिए बधाई आदरणीया..."
7 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Rachna Bhatia's blog post आलेख - माँ की देखभाल औलाद की नैतिक जिम्मेदारी
"इस भावपूर्ण लेख के लिए अनंत आभार आदरणीया..."
7 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Rachna Bhatia's blog post ग़ज़ल - मेरे घर आज आ रहा है कोई
"आदरणीया रचना जी अच्छी ग़ज़ल हुई...बधाई"
7 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बरसों बाद मनायें होली(गीत-२०)-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"वाह आदरणीय धामी जी क्या ही रंग बिरंगा गीत रचा है..."
7 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Er. Ganesh Jee "Bagi"'s blog post लघुकथा : पीठ का दाग (गणेश बाग़ी)
"बहुत बढ़िया आईना दिखाती घुकथा है आदरणीय..."
7 hours ago

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service