For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बाद मेरे तेरी तकदीर बदल जाएगी
है यकीं मुझको मेरी याद भी न आएगी
बाद मेरे तेरी तकदीर बदल--------
छोडो मुझको मेरी यादों को कुछ नहीं इनमें 
ज़िन्दगी यूँ ही बाकी भी गुज़र जाएगी
है यकीं मुझको मेरी याद भी न आएगी
बाद मेरे तेरी तकदीर बदल--------
क्या मिला तुझको मेरे ख्वाबों पे भरोसा करके 
मेरी तस्वीर भी धुंधली सी नज़र आएगी
है यकीं मुझको मेरी याद भी न आएगी
बाद मेरे तेरी तकदीर बदल--------
दीपक 'कुल्लुवी' को न समझा यह ज़माना यारो
बाद मेरे सारी दुनियां भी मुस्कुराएगी 
है यकीं मुझको मेरी याद भी न आएगी
बाद मेरे तेरी तकदीर बदल--------
दीपक कुल्लुवी

Views: 490

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 30, 2012 at 5:32pm
क्या मिला तुझको मेरे ख्वाबों पे भरोसा करके 
मेरी तस्वीर भी धुंधली सी नज़र आएगी
बिल्कुल कटु सत्य कहा आपने, खूबसूरत रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 29, 2012 at 1:58pm

aadarniya deepak ji, saadar, bilkul sahi kaha aapne. aesa hi hota hai. badhai.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 28, 2012 at 3:04pm

kuch dard ujaagar hone do kuch dard jigar ko sahne do 

kuch dard jamana jaan bhi le kuch antarman me rahne do

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on April 28, 2012 at 2:51pm
माशाअल्ला बहुत  खूब लिखा  मैडम राजेश कुमारी जी .......
.....................................................

तू मेरे दर्द से वाकिफ़ नहीं ऐ-दोस्त मेरे

वर्ना कांधा मेरा तेरे अश्कों ने भिगोया होता
तू न रोता अपनें गम में ऐ-दोस्त मेरे
गर तेरा साथ हमने उनकी तरह छोड़ा होता 

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 28, 2012 at 2:41pm

dard  peena to yese peena 

ki muh se na nikle aah 

gar khud pe bharosa hai 

tufaanon ki kya parvaah

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on April 28, 2012 at 2:11pm

Rajesh Madam

MAJHDHAAR MEN THI KASHTI MERI

JAB TOOFAN AAYA

SAHIL YAH POOCHHTA MUJHSE

AB BACHAUN TU BACHAUN KAISE....?

Deepak


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 28, 2012 at 1:40pm

kitna dard hai is kalam me kya samandar me dubo ke laaye ho!!

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on April 28, 2012 at 1:32pm

RAJESH MADAM

IS DARD MEN MAZA HAI JO

WOH DARD SE BHI HASEEN HAI

MERE SATH HI CHALEGA YAH

ITNA MUJHE TO YAQEEN HAI .........

..........

'KULUVI'


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 28, 2012 at 1:28pm

dil ko choo lene vaali dastaan haqeeqat hai tabhi to itna dard hai.

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on April 28, 2012 at 1:05pm

VANDANA JI

SHUKRIYA.....BESHAQ SUNDAR PAR DASTAAN/HAQEEKAT  DARD BHARI.........

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हमको नगर में गाँव खुला याद आ गयामानो स्वयं का भूला पता याद आ गया।१।*तम से घिरे थे लोग दिवस ढल गया…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221    2121    1221    212    किस को बताऊँ दोस्त  मैं…"
1 hour ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"सुनते हैं उसको मेरा पता याद आ गया क्या फिर से कोई काम नया याद आ गया जो कुछ भी मेरे साथ हुआ याद ही…"
8 hours ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"सूरज के बिम्ब को लेकर क्या ही सुलझी हुई गजल प्रस्तुत हुई है, आदरणीय मिथिलेश भाईजी. वाह वाह वाह…"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

कुर्सी जिसे भी सौंप दो बदलेगा कुछ नहीं-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

जोगी सी अब न शेष हैं जोगी की फितरतेंउसमें रमी हैं आज भी कामी की फितरते।१।*कुर्सी जिसे भी सौंप दो…See More
Thursday
Vikas is now a member of Open Books Online
Tuesday
Sushil Sarna posted blog posts
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
Monday
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service