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लघु कथा :- गिद्ध

लघु कथा :- गिद्ध

"चल कल्लुआ जल्दी से दारु पिला, आज बहुत टेंसन में हूँ |"
"अरे, टेंसन और आप? आखिर ऐसी क्या बात हो गई बिल्लू दादा ? 
"यार, कल शाम जिस बूढ़े को हमने लूटा था न, उसने थाने में रपट दर्ज करा दी है |"
"तो दादा इसमें कौन सी टेंसन की बात है ?"
"टेंसन ये है कि हम ने तो कुल २१२ रुपये और एक पुरानी सी घड़ी ही लूटी थी, लेकिन उस बुढऊ ने दस हजार नगद, एक घड़ी और सोने की अंगूठी की रपट लिखवा दी है |"
"रपट लिखवा दी तो कौन सा आसमान टूट पड़ा ?" 
"आसमान ये टूट पड़ा है कल्लुआ कि अब ऊ ससुरा दरोगा, लूट में से आधा हिस्सा मांग रहा है |"

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मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 30, 2012 at 9:34am

आदरणीय उमाशंकर मिश्रा जी, सराहना हेतु आपका बहुत बहुत आभार |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 30, 2012 at 9:32am

उत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय राज लल्ली शर्मा जी

Comment by UMASHANKER MISHRA on May 28, 2012 at 12:40am

ये लघु कथा के रूप में आपने सच्चाई सामने रख दी

ऐसा ही होता है| चोर को पकडने का आसान तरीका

बता दिया आपने यदि मुर्गी चोरी हो गई, तो रिपोर्ट हाथी चोरी का करना चाहिए |

चोर जल्दी पकड़ा जायगा |मामला हिस्सेदारी का  है* बधाई

Comment by राज लाली बटाला on May 24, 2012 at 12:11am

अब ऊ ससुरा दरोगा, लूट में से आधा हिस्सा मांग रहा है | Bahut achhe Bagi ji !! 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 20, 2012 at 4:05pm

बहुत बहुत आभार आदरणीया रेखा जोशी जी |

Comment by Rekha Joshi on May 20, 2012 at 12:27pm

आदरणीय बागी जी ,सटीक कटाक्ष ,बधाई 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 11, 2012 at 1:21pm

धन्यवाद अजय कुमार जी


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 11, 2012 at 1:21pm

सराहना हेतु आभार कुमार गौरव जी |

Comment by AjAy Kumar Bohat on May 11, 2012 at 12:11pm
waaah Bagi ji...
Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on May 6, 2012 at 12:22pm

बहुत बढ़िया रचना बागी सर, व्यंग के साथ सच्चाई बयां करती हुई.बधाई

कृपया ध्यान दे...

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