For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिंदगी के दो आयाम,
साधना और आराधना.
दोनों मार्ग हैं मुक्ति के,
पूर्ण करे हर इच्छा-कामना.

एक प्रोत्साहित करे बल-पौरुष को,
दूजा सन्मार्ग दिखाए.
हर विघ्न में, हर बाधा में,
चित्त की धैर्यता और बढ़ाये.

साधना से जीवन सधे,
केन्द्रित करे ध्यान को.
आराधना से सुमति मिले,
सन्मार्ग बताये इंसान को.

जो जन्म लिया नर रूप में,
तो सफल करें इस जीवन को.
करे आराधना उस इश्वर का,
साध लें अपने तन-मन को.

साधना से दृढ साहस हो,
आराधना में निहित विश्वास है.
हो अडिग अगर इन दोनों में,
तो हर मंजिल तुम्हारे पास है.
(प्रवीण "सागर")
9958521821

Views: 526

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by MAHIMA SHREE on April 20, 2012 at 10:19am
आदरणीय प्रवीन जी, नमस्कार
प्रेरणादायी कृति के लिए आपको बहुत -२ बधाई ..
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 18, 2012 at 10:54pm

aadarniya pravin ji, sadar 

bahut sundar sutra diye. badhai.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 16, 2012 at 10:48am

भाई प्रवीण सागर जी, मंतव्य को आपने रोचक आयाम दिया है. रचना प्रस्तुतिकरण के लिये बधाई.

Comment by Sarita Sinha on April 15, 2012 at 11:20pm

प्रवीण सागर जी, अच्छी बात कही है आप ने....

साधना, आराधना, इच्छा , कामना....बहुत खूब.....
Comment by Abhinav Arun on April 15, 2012 at 8:09am

श्री sagar  जी इस प्रभावपूर्ण sahityik प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें !!

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 15, 2012 at 1:31am

साधना एवं आराधना के प्रभावपूर्ण विश्लेषण पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें

Comment by satish mapatpuri on April 15, 2012 at 12:07am

बहुत खूब प्रवीण जी ...... बधाई स्वीकार करें

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 14, 2012 at 9:11pm

आदरणीय प्रवीण सागर जी, इस रचना के माध्यम से आपने साधना और आराधना को बहुत ही बढ़िया से विश्लेषित किया है | बधाई स्वीकार करें महोदय |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 14, 2012 at 8:09pm

वाह वाह आदरणीय प्रवीण सागर जी, इस रचना के माध्यम से आपने साधना और आराधना को आपने बहुत ही बढ़िया से विश्लेषित किया है | बधाई स्वीकार करें महोदय |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। बहुत खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया

पलभर में धनवान हों, लगी हुई यह दौड़ ।युवा मकड़ के जाल में, घुसें समझ कर सौड़ ।घुसें समझ कर सौड़ ,…See More
11 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"बारिश का भय त्याग, साथ प्रियतम के जाओ। वाहन का सुख छोड़, एक छतरी में आओ॥//..बहुत सुन्दर..हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्र पर आपके सभी छंद बहुत मोहक और चित्रानुरूप हैॅ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश कल्याण जी।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service