For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

(प्रस्तुत रचना 'सार' छन्द पर आधारित है।इसके अनुसार छन्द के प्रत्येक चरण में 28 मात्रायें होती हैं,16वीं तथा 12वीं मात्रा पर यति होती है।चरणान्त में दो गुरु अवश्य होने चाहिए।)

जीवन का आधार कहां है,आफत सिर पर भारी।
अपने में ही लिप्त घूमती,पागल दुनिया सारी॥
समय नहीं है पास किसी के,जीवन भागा दौड़ी।
प्यार-व्यार का रिश्ता झूठा,नफरत दरिया चौड़ी॥
कहां बची है वही मनुजता,मानव कहां पुराना।
और अधिक विकसित है दुनिया,मार्डन हुआ जमाना॥
वृद्धों का सम्मान कहां है,छूकर चरन नमस्ते।
हाय किये बाइक पर बैठे,पब या क्लब के रस्ते॥
दादा-दादी की परी-कथा,पोता कहे पुरानी।
साबू नागराज के आगे,फीकी सभी कहानी॥
परमाणू के हाथ सृष्टि है,यदि विस्फोट कहीं हो।
क्षणभर में सोने की नगरी,मिटकर धूल मिली हो॥
जीवन बंदूकों में बसता,प्राण समझ लो गोली।
किस गोली पर मौत लिखी हो,रब जाने या गोली॥
पैसा पैसा औ बस पैसा,पैसा सब पर भारी।
पैसे के खातिर सब करते,बिन अच्छा भला विचारी॥
ऐसा विकास इस दुनिया का,जाने कहां रुकेगा।
बम फूटे या धरती पलटे,ईश्वर रूप धरेगा॥

Views: 570

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on April 15, 2012 at 9:35am
रचना की सराहना हेतु हार्दिक आभार अश्विनी जी।
Comment by अश्विनी कुमार on April 15, 2012 at 9:00am

विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी जी अति सुंदर शिल्पब्द्ध प्रवाहमयी काव्य हेतु हार्दिक बधाई 

वृद्धों का सम्मान कहां है,छूकर चरन नमस्ते।

हाय किये बाइक पर बैठे,पब या क्लब के रस्ते॥,,,,,.........     हार्दिक आभार

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on April 15, 2012 at 7:06am
आभार आदरणीय कुशवाहा जी।
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 14, 2012 at 11:00pm

bahut sundar bhavon ko piroya hai, badhai.

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on April 14, 2012 at 4:28pm
आदरणीय अभिनव जी!आपकी सराहना मेरे लिए अमूल्य है।इस कृपा के लिए हार्दिक आभार।
Comment by Abhinav Arun on April 14, 2012 at 12:56pm

एक प्राचीन छंद में नूतन चित्रों का समावेश करने में सफलता मिली है आपको हार्दिक बधाई इस रचना पर !!

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on April 14, 2012 at 5:00am
गुरुदेव को प्रणाम।प्रयास पर आपकी उपस्थिति सादर अपेक्षित एवं प्रतीक्षित थी।मनोकामना पूर्ण हुई।
सादर आभार।
Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on April 14, 2012 at 4:56am
आदरणीय मृदु जी प्रयास को सराहने हेतु हार्दिक बधाई।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 14, 2012 at 3:09am

अप्रचलित छंदों को सामने लाने केलिये धन्यवाद, विन्ध्येश्वरी प्रसाद जी.  इन प्रयासों को अवश्य ही कसौटी मिले.

रचना का कथ्य वस्तुतः रचनाकार की सामयिक चिंता का प्रतिबिम्ब है. बधाई.

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 13, 2012 at 9:03pm

अपने में ही लिप्त घूमती,पागल दुनिया सारी॥ यथार्थ की अभिव्यक्ति पर बधाई स्वीकार करें सर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आद0 सुरेश कल्याण जी सादर अभिवादन। बढ़िया भावभियक्ति हुई है। वाकई में समय बदल रहा है, लेकिन बदलना तो…"
5 hours ago
नाथ सोनांचली commented on आशीष यादव's blog post जाने तुमको क्या क्या कहता
"आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन। बढ़िया श्रृंगार की रचना हुई है"
5 hours ago
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढ़िया है"
5 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मकर संक्रांति

मकर संक्रांति -----------------प्रकृति में परिवर्तन की शुरुआतसूरज का दक्षिण से उत्तरायण गमनहोता…See More
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

नए साल में - गजल -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

पूछ सुख का पता फिर नए साल में एक निर्धन  चला  फिर नए साल में।१। * फिर वही रोग  संकट  वही दुश्मनी…See More
6 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी , सहमत - मौन मधुर झंकार  "
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"इस प्रस्तुति पर  हार्दिक बधाई, आदरणीय सुशील  भाईजी|"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"विषय पर सार्थक दोहावली, हार्दिक बधाई, आदरणीय लक्ष्मण भाईजी|"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service