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कल फिर किसी चट्टान को फोड़ने की कोशिश होगी 
कल फिर किसी ईमान को निचोड़ने की कोशिश होगी 
सूरज तो दिन में हर रोज की तरह दमकेगा 
कल फिर  अँधेरे में सच को मरोड़ने की कोशिश होगी 
एक और बुलंद आव़ाज का शीशा चट्केगा 
कल फिर तिलस्मी वादों से जोड़ने की कोशिश होगी
फूट रहा क्रोध का लावा बनकर हर्दय में जो 
कल फिर उसी सैलाब को मोड़ने की कोशिश होगी 
फिर तमाश्बीन  की तरह बैठे रहेंगे हम 
कल फिर किसी जांबाज को तोड़ने की कोशिश होगी 
(कल आर्मी चीफ जनरल वी के  सिंह का क्या होगा मुझे नहीं पता पर आज मेरे मन में जो संशय उभर रहा है वही उद्दगार आप लोगों से साँझा  कर रही हूँ.)

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Comment by rajesh kumari on April 8, 2012 at 9:42am

Surendra kumar shukla ji aapki beshkeemti tippani se aabhari hoon shayad yeh aapne meri doosri rachna peel ka ped ke liye di hai.

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on April 7, 2012 at 11:46pm

दर्द का इतना गरल पी चुका हूँ 

कि जड़ हो चुका हूँ !

अब किसी की व्यथा से 

विह्वल नहीं होता ..

दर्द और मर्म को समझाती रचना ...खूबसूरत भाव ..हो जाया करता है ऐसे   झेलते   झेलते 
भ्रमर 5



सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 3, 2012 at 11:33am

meri rachna ke marm ko samajhne ke liye Asheesh Yadav ji aabhar.

Comment by आशीष यादव on April 3, 2012 at 11:26am

कुछ ऐसे ही दिखते ये जो हालत हैं आज के|

राजनीति में यही होता है|
सामयिक रचना हेतु बधाई|

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 3, 2012 at 11:15am

tahe dil se shukria Avinash ji.

Comment by AVINASH S BAGDE on April 3, 2012 at 10:04am

कल फिर किसी चट्टान को फोड़ने की कोशिश होगी 

कल फिर किसी ईमान को निचोड़ने की कोशिश होगी ....kya aakrosh hai Rajesh kumari ji .....
सूरज तो दिन में हर रोज की तरह दमकेगा 
कल फिर  अँधेरे में सच को मरोड़ने की कोशिश होगी ..... सच को मरोड़ने की कोशिश ...kya shabd chayan hai....eksashakt gazal...sadhuwad Rajesh kumari ji.

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Comment by rajesh kumari on March 30, 2012 at 8:58am

Pradeep Kumar ji hardik dhanyavaad.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 30, 2012 at 8:26am

जी हाँ अशोक कुमार जी आप सही कह रहे हैं यह सरकार अंग्रेजों की ही नीति चला रही है जो हक की बात करे उसकी आवाज दबा दो जो सच्चाई की बात करे उसे लाठियां दो अब तो हद हो गई जनरल वी पी  सिंह को ही झूठा साबित करने पर तुली है सरकार दुसरे देशों को क्या सन्देश जा रहा है इसका कोई अंदाजा है इस सरकार को !!

Comment by Ashok Kumar Raktale on March 30, 2012 at 7:58am

राजेश कुमारी जी,
                       जब रामदेव जी के विरुद्ध सरकार ने चाले चलीं तो सह लिया जब अन्ना को देश द्रोही बताने का प्रयास किया तो सह लिया अब एक वफादार सेनाध्यक्ष को गद्दार बताने में जुटी ये सरकार और जन सुमुदाय की खामोशी मन को उदास कर रही है जिस सेनाध्यक्ष ने सुपर कमांडो की तरह कार्य किया हो जिसने १९७१ के युद्ध में सराहनीय भूमिका निभाई हो. ऐसे तमगो से भरे पड़े सीने को आज सरकारी घावो ने जख्मी कर दिया है. बहुत अफ़सोस है. सरकार की कार्य शैली पर आपकी रचना के लिए बधाई.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 29, 2012 at 11:18pm

roj roj koi na koi toda ja raha hai. vastvikta darshne ke liye badhai.

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