For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मोबाइल घर

(दोस्तों हम लोगों की एक जमात से बन गयी है जहाँ एक कवि लिखता है और दूसरा पढता है मंझे हुए कवि मंझी हुई कविता  सब कुछ एकदम प्रोफेशनल मगर कोई स्थिति जिसको आप ने देखा हो और आपके दिल में अन्दर तक उतर गयी हो उस विषय पर जब आप लिखते हैं तो बात कुछ और ही होती है .  ऐसी ही परिस्थिति में मैंने घनघोर वारिश में जब कुछ झोपड़ियों को जलमग्न होते देखा तो उस रात न तो उन झोपड़ियों में रहने वाले लोग सोये और न मै खुद सो पाया और उस रात जो मुझसे कविता वन पड़ी वोह मै आप सबके समक्ष रख रहा हूँ तो आप लिखी हुई और भोगी हुई कविता का फर्क महसूस कीजिये.)


कल महसूस किया मैंने  कुछ दरकते हुए.

एक घर, जिसे लोग कहते है अचल संपत्ति 

मैंने देखा है उसे कुछ दूर तक सरकते हुए.


छोटे बच्चों को देखा है  कंपकंपाते हुए .

रात भर घनघोर वारिश में भीग जाते हुए.

 ऐसी वारिश जिसने उन्हें वेकल बना डाला 

उनके झोपड़े को एक जल महल बना डाला

एक को पकड़ो तो दूसरा छूट जाता था .

घर का सामान वहां नाव सा  उतराता था .


अपने ही हांथो से घर अपना ही उजाड़ना पड़ा.

और थोड़ी ही दूर पर सूखे में तम्बू गाड़ना पड़ा .


कल भी यदि वारिश रही तो यह कहाँ जायेंगे ?.

अपनी तकदीर से लड़ते हुए .

क्या यह अपने घर को मोबाइल बना पाएंगे ?....... 

क्या यह अपने घर को मोबाइल बना पाएंगे ?....... 


Views: 422

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' on March 15, 2012 at 2:47pm

श्रीमान मुकेश जी, बाढ़ का  मंज़र उपस्थित हो गया आँखों के सामने. मेरी पूरी संवेदना है जिस पर रचना लिखी गई है.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 15, 2012 at 12:10pm

सुन्दर भाव एवं प्रस्तुति. बधाई.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 14, 2012 at 10:18pm

आदरणीय मुकेशजी, आपकी संवेदना को सलाम.

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on March 14, 2012 at 9:11pm
सत्य है सर।जो लोग इस स्थिति में होते होगें शायद वे जीवन से भी निराश हो चुके होगे।उनके लिए जीवन ही मृत्यु समान हो चुका होगा।आपने ऐसे लोगों के दर्द को बखूबी बयान किया है स्वागत है।
Comment by charnjit mann on March 14, 2012 at 8:48pm

khoobsoorat aur hasaas kavita

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Friday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service