For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जबान पर मसाला

हम लगायेंगे जबान पर मसाला नहीं,
अपनी गजलो में शऊर का ताला नहीं.


पैरवी उनके हसीन दर्द की क्या करें,
जिनको लगा धूप नहीं, पाला नहीं.


मेहदी की तारीफ हम कैसे कर पाएँ,
गाव मे एक हाथ नही जिसमे छाला नही.


सावन में मिट्टी की खुशबू उनके लिए है,
जिनके घरो से होके बहता नाला नहीं.


गुटखा बेचने के लिए ट्रेनो में घूमता है,
दूध के दांत टूटे नहीं, होश संभाला नहीं.


सर झुका के भजने लिखूंगा, अगर,
सबको रोटी की फ़रियाद, टाला नहीं.


मदहोशी के कसीदो में वो कहाँ है?
जिनके आंसू में 'अम्ल' है, हाला नहीं.

Views: 617

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वीनस केसरी on March 23, 2012 at 12:56pm

आपने पथरीली जमीं पर फुलवारी की है

रचना  से चमन लालाजार हो गया
बधाई

Comment by राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' on March 4, 2012 at 8:02am

आनंद भाई बहुत बहुत शुक्रिया. आपकी नज़रें इनायत हुई, हमारी रचना को आगे बढ़ाने के लिए, आभार.

Comment by राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' on March 3, 2012 at 12:59pm

योगी जी और शैलेंद्र जी इस कृति को सम्मान देने के लिए आभार

Comment by राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' on March 3, 2012 at 12:57pm

योगी जी, मेरी और कोई मंशा नही थी, बात यह है की मई इस पर टाइप करने का अभ्यस्त नही हूँ, और हर बार "bade ai" की मात्रा नही लग रही है, देखिए "mai" का बार बार मई हो जा रहा है. इसलिए ही सवैया नही कह पाया था. घानाक्षरी भी ऐसे ही बिगड़ गई थी. क्षमा प्रार्थी हूँ.

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on March 3, 2012 at 12:23pm

सशक्त कृतित्व बधाई स्वीकार करें 

Comment by Team Admin on March 3, 2012 at 11:42am

ऐडमिन (२०१२०३०३०३) :

राकेशजी, आपकी रचनाओं से प्रतीत होता है कि आप गंभीर प्रकृति के रचनाधर्मी हैं.  आप अपनी प्रतिक्रियाओं को अपलोड करने के पूर्व एक बार अवश्य पढ़ लिया करें.  छंदों के नाम सवैया और घनाक्षरी होते हैं. 

आप नये सदस्य हैं, कृपया यह जानें कि ओ बी ओ सामान्य सोशल नेटवर्किंग साइट नहीं है. इस मंच का उद्येश्य एकदम स्पष्ट है.  आगे आप स्वयं निर्णय कर लें कि आप अपनी उपस्थिति से किस तरह का महौल चाहते हैं.  प्रबन्ध समिति की दृष्टि सभी सदस्यों पर रहती है.

आपसे इस मंच पर गंभीरता और अनुशासित आचरण अपेक्षित है.


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on March 3, 2012 at 10:53am

सुन्दर अशार .

Comment by राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' on March 3, 2012 at 9:48am

अच्छा जी, कुछ और समझा था. आपकी बात का ध्यान रखूँगा, वैसे तो मैने आपकी सारी ही रचनाए पढ़ डाली है, पर आपके लिखे सवाये और घानकचरी बहुत आचे है, 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 3, 2012 at 8:19am

राकेशजी, अनुरोध है कि आप अपनी रचना के संदर्भ की हुई टिप्पणियों से संबन्धित प्रश्न इसी पटल पर करें.  इससे सभी संदर्भों का समुच्चय बना रहता है.

 

धूप लगा करती है :  फिल वक़्त मेरी कोई रचना इस नाम से उपलब्ध नहीं है, संभवतः भविष्य में हो.  वस्तुतः मेरा इंगित था कि आप अपने सभी शे’र को देख जायँ.

वैसे मेरे लिये अब यह जानना रोचक होगा कि इस पटल पर आप मेरी कौन-कौन सी रचना ढूँढ पाये हैं.  और यह भी कि क्या मेरा रचनाकर्म किसी लिहाज से आपको समीचीन लगा है.

सधन्यवाद

Comment by राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' on March 3, 2012 at 7:48am

माननीय अरुण जी, वीनस जी,  सौरभ जी, सादर नमस्कार, सुप्रभात. आप लोगो की तारीफ सर आँखो पर धन्यवाद. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
yesterday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Mar 31
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Mar 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Mar 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service