For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बाल गीत: बरसे पानी --संजीव 'सलिल'

बाल गीत:

बरसे पानी
संजीव 'सलिल'
*

रिमझिम रिमझिम बरसे पानी.
आओ, हम कर लें मनमानी.

बड़े नासमझ कहते हमसे
मत भीगो यह है नादानी.

वे क्या जानें बहुतई अच्छा
लगे खेलना हमको पानी.

छाते में छिप नाव बहा ले.
जब तक देख बुलाये नानी.

कितनी सुन्दर धरा लग रही,
जैसे ओढ़े चूनर धानी.

काश कहीं झूला मिल जाता,
सुनते-गाते कजरी-बानी.

'सलिल' बालपन फिर मिल पाये.
बिसराऊँ सब अकल सयानी.
*

 

 

Views: 498

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sanjay Rajendraprasad Yadav on August 16, 2011 at 12:44pm

***आदरणीय आचार्य जी आपकी सरस-गंभीरता आपके प्रति आदर के भाव है.!बहुत ही सुंदर रचना***********


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 14, 2011 at 9:05pm

आचार्य जी , आपकी रचना मुझे बचपन की सैर करा दी , याद आ गया मुझको गुजरा ज़माना , बहुत ही सुंदर रचना , साधुवाद |

Comment by sanjiv verma 'salil' on August 12, 2011 at 10:32pm

satish ji, saurabh ji, arun ji

aapkee gungrahakata ko naman.

Comment by Abhinav Arun on August 12, 2011 at 8:21pm

हम तो खो गए आचार्यवर बचपन में यही इस गीत की सफलता है वाह !!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 6, 2011 at 9:59pm

आदरणीय आपकी सरस-गंभीरता आपके प्रति आदर के भाव जगाती है.

 

//'सलिल' बालपन फिर मिल पाये.
बिसराऊँ सब अकल सयानी.//

बालपन में सभी सयाना हो जाने की बात कहते थे. पर सही तो ये है कि इस ’सयानेपन’ से कोई खुश रहता नहीं है.

बार-बार दिल उपट उठता है ...".. चलो मन गंग-जमुन के तीर.. "

Comment by satish mapatpuri on August 6, 2011 at 5:08pm

'सलिल' बालपन फिर मिल पाये.
बिसराऊँ सब अकल सयानी.

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.साधुवाद स्वीकार करें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
12 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
14 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
15 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
15 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
15 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
15 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service