For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सीख ......

"पापा ! फिर क्या हुआ" ।  सुशील ने रात को सोने से पहले पापा  की टाँगें दबाते हुए पूछा ।

"कुछ मत पूछ बेटा । हर तरफ मार काट, भागम-भाग ,     हर तरफ चीखें  ही चीखें  थी । हमने थोड़े से गहने  और सामान बाँधा और सब कुछ छोड़ कर निकल लिए ।" पापा ने कहा ।

"आप सुरक्षित कैसे निकले "। सुशील ने पूछा ।

"ह्म्म । बेटे!सन् 1947 के विभाजन में  सम्भव नहीं था वहाँ से सुरक्षित निकलना । उसी कौम का  एक  इंसान फरिश्ता बन कर हमारी मदद को आया और किसी तरीके से बचते बचाते हिन्दुस्तान की ट्रेन में बिठाया और हम बचकर हिन्दुस्तान पहुंचे" । पापा ने कहा ।

"वो नेक  इंसान कौन था पापा "।

"मेरा कार्यालय  अधिकारी। वो मेरी काम के प्रति वफादारी, मेरा  उसके प्रति समर्पित मधुर व्यवहार से बहुत प्रभावित था । बस  उस अधिकारी के प्रति मेरे इस समर्पण भाव  और ईमानदारी ने हमें उस हृदय विदारक स्थिति से निकाला" ।

"बेटे ! एक बात जिन्दगी में हमेशा याद रखना कि मजहबी भाव को अलग रखते हुए  कार्य के प्रति  ईमानदारी, समर्पण  और मधुर व्यवहार कभी बेकार नहीं जाता  और विषम परिस्थिति में  इसके सकारात्मक परिणाम मिलते हैं । अच्छा चल रात बहुत हो गई है  अब सो जा" । यह कहकर पापा करवट बदल कर सो गए ।

सुशील भी पापा की सीख को सोचते सोचते सोने
के लिए अपने कक्ष में चल दिया ।

सुशील सरना / 19-8-23

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 241

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on September 7, 2023 at 3:59pm
आदरणीय शेख साहिब आदाब सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा और सुझाव का आभारी है ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on August 31, 2023 at 4:03pm

शीर्षक भी कुछ और.बेहतर दिया जा सकता है, ताकि पाठक की जिज्ञासा बढ़ाई जा सके। अथवा शीर्षक भी प्रतीकात्मक और संदेश वाहक हो रचना के प्रवाह संग।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on August 31, 2023 at 4:01pm
  1. आदाब। आज़ादी के अमृतमहोत्सव के वातावरण में ऐसा सृजन बहुत महत्वपूर्ण है। बेहतरीन लघुकथा हेतु हार्दिक बधाई जनाबसुशील सरना साहिब। समापन पंक्ति और अंतिम संवाद रचना को बोधकथा या प्रेरककथा की श्रेणी में ला देता है। यदि इस भाग में कोई परिवर्तन किया जाये या ट्विस्ट दिया जाये, तो शायद अधिक प्रभावशाली लघुकथा सृजित हो सकेगी.. मेरे विचार से। 
Comment by Sushil Sarna on August 20, 2023 at 11:23am
आदरणीय डा.विजयशंकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर ।
Comment by Sushil Sarna on August 20, 2023 at 11:22am
आदरणीय अमीरुद्दीन जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।
Comment by Dr. Vijai Shanker on August 20, 2023 at 10:35am

आदरणीय सुशील सरना जी , कहानी अच्छी लगी , हार्दिक बधाई।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on August 19, 2023 at 8:17pm

आदरणीय सुशील सरना जी आदाब, सुंदर संदेशपरक लघुकथा हुई है, हार्दिक बधाई स्वीकार करें। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Friday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Mar 6
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service