For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कहाँ रहते वो कैसे रहते

उनसे न होती अपनी बात

वैर भाव की बात नही ये, अब उनसे न कोई दुआ-सलाम।।

 

खैरियत भी वो नहीं पूछते

क्या प्रेमभाव की करूँ मैं बात

अच्छे-खासे रिश्ते उनसे, न जानें क्यूँ वो रहते नाराज।।

 

हसी-मजाक, टिटौली चलती

हमारी कौन सी लगी उन्हें बुरी बात

कल तक थे जो अपनों से बढ़कर, है आज उसने दूरी खास।।

 

आना-जाना लगा रहता था

मिलजुल कर पहले रहते साथ

सही सलामत है कि नही वें, अब मिलता नहीं है कोई समाचार।।

 

जीवन है चलता रहेगा

घबराने की न इसमे बात

सुख-दुख होते वक़्त के पहिये, आज तेरे कल उसके साथ||

 

समस्या है तो समाधान भी होगा

बात करने से क्यूँ ऐतराज

कोशिश करेंगे अपनी पूरी, पर देंगे जरूर उन्हे कोई समाधान।।

मौलिक व अप्रकाशित रचना

Views: 169

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on March 22, 2023 at 12:02pm

आद0 फूल सिंह जी सादर अभिवादन। बढ़िया है

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 17, 2023 at 6:54am

आ. भाई फूल सिंह जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।

Comment by PHOOL SINGH on March 14, 2023 at 12:20pm

बहुत बहुत आभार आपका ...

Comment by Rachna Bhatia on March 9, 2023 at 10:28am

आदरणीय फूल सिंह जी सकरात्मकता लिए हुए अच्छी रचना हुई। बधाई स्वीकारें।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"आदरणीय उस्मानी जी, 'म' ने कोई गड़बड़ी नहीं की। वह तो मात्राओं की कारस्तानी है, साहिब।…"
34 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to अजय गुप्ता 'अजेय's discussion आयोजन कैलंडर संबंधित
"आपकी बात से मैं भी सहमत हूँ। कई बार तिथि याद नहीं रह पाती। इससे निरंतरता बनी रहेगी। "
52 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .राजनीति
"आ. भाई सुशील जी, सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई। धर्म के प्रतिमान में मेरे हिसाब से मात्राएँ कम…"
55 minutes ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"सुरा- सार "मालखाने की शराब चूहे पी गए....।" सुनकर बाबा चौंके। "फिर से? "…"
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय posted a discussion

आयोजन कैलंडर संबंधित

आदरणीय प्रबंधन समूह,मेरा एक सुझाव है जिसे आपके विचारार्थ रखना चाहता हूँ । ओबीओ में पूर्व कि भाँति…See More
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया कल्पना भट्ट जी।"
16 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"रचना पटल पर त्वरित समय देकर प्रोत्साहक प्रतिक्रिया हेतु शुक्रिया आदरणीय अजय गुप्त 'अजेय'…"
16 hours ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"अच्छी रचना हुई है जनाब शहज़ाद उस्मानी जी। बधाई स्वीकारें"
17 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"संक्षिप्त और गूढ़। बहुत अच्छी रचना हुई है आदरणीय । सार सबका एक है पर मैं ने गड़बड़ कर दी । वाह"
18 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"आरंभ है प्रचंड ========= कस्बे के रेलवे पार्क में रोज घूमने आने वाले समूह के सदस्यों के मध्य…"
18 hours ago
Samar kabeer left a comment for Rahul Solanki
"ओबीओ पटल पर स्वागत है आपका डॉ. राहुल सोलंकी जी ।"
19 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"'मतलब' और 'मतलबी'! (लघुकथा):  "ज़रा ग़ौर फ़रमाइयेगा जनाब, शब्द…"
21 hours ago

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service