For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

डरे भला क्यों मौत से ?

जब तक इन्द्रिय भोग में होती मन की वृत्ति

सकल दुखों ,भव - ताप से मिलती नहीं निवृत्ति

उस असीम की शक्ति से संचालित सब कर्म

परम विवेकी संत ही जाने उसका मर्म

पंच तत्व के मेल से बनें प्रकृति के रूप

यह दर्पण , इसमें दिखे सत्य ,'अरूप' , अनूप

दृढ़ संकल्पित यदि रहे नित्य , सनातन जान

डरे भला क्यों मौत से ? अजर , अजेय , अमान

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 413

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Usha Awasthi on December 29, 2020 at 11:43am

आ0 समर कबीर साहेब,आदाब

हार्दिक धन्यवाद आपको

Comment by Samar kabeer on December 27, 2020 at 2:41pm

मुहतरमा ऊषा अवस्थी जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय आज़ी जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
1 minute ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
3 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय चेतन जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
3 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
4 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
5 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय यमित जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
6 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
7 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, आपकी इस इज़्ज़त अफ़ज़ाई के लिए आपका शुक्रगुज़ार रहूँगा। "
59 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ भाई आदाब, बहुत अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी ठीक है *इल्तिजा मस'अले को सुलझाना प्यार से ---जो चाहे हो रास्ता निकलने में देर कितनी लगती…"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी सादर प्रणाम । ग़ज़ल तक आने व हौसला बढ़ाने हेतु शुक्रियः । "गिर के फिर सँभलने…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"ठीक है खुल के जीने का दिल में हौसला अगर हो तो  मौत   को   दहलने में …"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service