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कहीं दिल टूटना देखा कहीं दिलदारी देखी है(१०८ )

(1222 *4 )

.

कहीं दिल टूटना देखा कहीं दिलदारी देखी है
कहीं ख़ुशियों की फुलवारी कहीं ग़म-ख़्वारी देखी है
**
नशा देखा कभी ज़र का कभी नादारी देखी है
कभी मस्ती कभी हमने मुसीबत भारी देखी है
**
कभी तल्ख़ी कभी आँसू हसद के दौर अपनों के
मरासिम को निभाते वक़्त दुनियादारी देखी है
**
अधूरे रह न जाएँ ख़्वाब बच्चों के इसी ख़ातिर
अधूरे ख़्वाब ख़ुद के रहने की लाचारी देखी है
**
ख़ुमारी में रहे हैं इश्क़ और मयकश निगाहों के
वहीं फ़ुरक़त के लम्हों की भी ख़ातिरदारी देखी है
**
हमें करने नहीं देती है क्यों परवाज़ ये दुनिया
हमारे पर कतरने की सदा तैयारी देखी है
**
सितारे आसमाँ पर किस तरह टाँके क़रीने से
गज़ब की ऐ ख़ुदा तेरी कशीदाकारी देखी है
**
बनाया आपका पैकर ख़ुदा ने है अनासिर से
अलग लेकिन सभी चेहरों की मीनाकारी देखी है
**
ख़यालों से सजाता हैं 'तुरंत' अपनी ग़ज़ल को जूँ
कभी ऐसी कहीं अल्फ़ाज़ की गुलकारी देखी है ?
**
गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' बीकानेरी |

मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on June 10, 2020 at 11:52pm

आदरणीय Dayaram Methani जी , 

आपकी पसंद प्रतिक्रिया उत्साहवर्धन के लिए अंतस से आभार संग नमन |

 

Comment by Dayaram Methani on June 10, 2020 at 10:06pm

नशा देखा कभी ज़र का कभी नादारी देखी है
कभी मस्ती कभी हमने मुसीबत भारी देखी है------ अति सुंदर सृजन के लिए बधाई स्वीकार करें आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत जी।

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on June 10, 2020 at 4:06pm

आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' साहेब ,आदाब , आपने नाचीज़ की जो हौसला आफ़जाई की है ,उसके लिए दिल से शुक्रगुज़ार हूँ | फुरक़त के लम्हों की ख़ातिरदारी /यह भी एक तंज़ है ,यानि जो दर्द मिलता है उसका अतिश्योक्तिपूर्ण वर्णन मात्र है | 

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on June 10, 2020 at 11:17am

जनाब गिरधारी सिंह गहलोत जी 'तुरंत', आदाब।

बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार करें। पर्वाज़ ए  तख़य्युलात कमाल है। आसमाँ पर कपड़े की मानिंद कशीदाकारी और चेहरों पर सोने चाँदी  के ज़ेवरात की तरह मीनाकारी, इस्तिआ़रा बन्दी (रूपक अर्थालंकार) का अच्छा इस्तेमाल किया है आपने।

"ख़ुमारी में रहे हैं इश्क़ और मयकश निगाहों के

वहीं फ़ुरक़त के लम्हों की भी ख़ातिरदारी देखी है" इस शेअ'र का भाव समझ नहीं आया। सादर। 

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