For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्षणिकाएँ --3 --- डा० विजय शंकर

वो सब जो
वन्दनीय है,
पूज्य है ,स्तुत्य है ,
...........त्याज्य है |
वो , जो
निंदनीय है ,
अधर्म है , अपकार है ,
...स्वीकार है , अंगीकार है ||

* * * * * * * * * * * * * * * * *

बेईमान व्यवस्था में
प्रश्न यह नहीं होता
कि कौन ईमानदार है ?
प्रश्न केवल यह होता है
कि किसको बेईमानी का
कितना अधिकार है ॥

* * * * * * * * * * * * * * * * *

संबंधों में
नमक की अहमियत
बनाये रखिये ,
सम्बन्ध ता-उम्र
खुद- ब - खुद मीठे रहेंगें ||

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 712

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 25, 2014 at 8:57pm
आदरणीय डॉo आशुतोष मिश्रा जी आपको क्षणिकायें पसंद आईं , अच्छा लगा , बधाई के लिए धन्यवाद .
Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 25, 2014 at 8:13pm

बेईमान व्यवस्था में
प्रश्न यह नहीं होता
कि कौन ईमानदार है ?
प्रश्न केवल यह होता है
कि किसको बेईमानी का
कितना अधिकार है ॥ आदरणीय विजय सर ..सभी क्षणिकाएं पसंद आयीं ..अंतिम पंक्तियों में जो सन्देश है वो भी कमाल का है 

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 25, 2014 at 7:14pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, आपकी उन्मुक्त विवेचना बहुत उपयुक्त है , प्रशस्ति है , आपकी बधाई के लिए धन्यवाद।
Comment by Dr. Vijai Shanker on September 25, 2014 at 6:34pm
आदरणीय राजेश कुमारी जी , आपको तीनों क्षणिकायें पसंद आईं , बहुत खुशी हुयी।
प्रसंगतः कहूँ the earth is known for its sweetness but it is evaluated for it's salt , the ' salt of the earth ' . दुनियाँ में किसी भी चीज का मूल्यांकन उसके नमक होता है , हर आदमी का मूल्यांकन उसके नमक ( प्रतिभा ) से होता है , यहां तक कि अंग्रेजी शब्द salary की उत्पत्ति भी मूलतः नमक से जुडी हुयी है , जो किसी जमाने में हर व्यक्ति की प्रतिभा के आधार पर निर्धारित होती थी , न कि सब धान ढाई पसेरी।
आपकी बधाई के लिए धन्यवाद, सादर .

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 25, 2014 at 5:03pm

तीनो ही क्षणिकाएँ प्रभावशाली हैं बहुत बहुत बधाई आपको 

संबंधों में
नमक की अहमियत
बनाये रखिये ,
सम्बन्ध ता-उम्र
खुद- ब - खुद मीठे रहेंगें ||--बहुत सही कहा नमक की भी अहमियत होती है तभी रिश्ते मधुर रहते हैं .

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 25, 2014 at 4:59pm
आदरणीय सविता जी , आपको क्षणिकायें अच्छी लगी, धन्यवाद। .
Comment by savitamishra on September 25, 2014 at 4:47pm

बहुत सुंदर.......आदरणीय डा.विजय भैया सादर नमस्ते 

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 25, 2014 at 4:13pm
आपकी मुक्त विवेचना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय जीतेन्द्र जी ,
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 25, 2014 at 2:06pm

बेईमान व्यवस्था में
प्रश्न यह नहीं होता
कि कौन ईमानदार है ?
प्रश्न केवल यह होता है
कि किसको बेईमानी का
कितना अधिकार है ॥................बहुत गहन व् कटु सत्य. बधाई आपको आदरणीय डा.विजय जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 25, 2014 at 7:23am

आदरणीय विजय भाई , आत्म मुग्धता से अलग , समाज की कड़वी सच्चाई बयान करती आपकी क्षणिकाओं के लिए आपको हार्दिक बधाई |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
3 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​आपकी टिप्पणी एवं प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई तमाम जी, हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति , स्नेह और मार्गदर्शन के लिए आभार। मतले पर आपका…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service