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भगौड़ों की कतार में(लघुकथा) राहिला

एक पन्द्रह, सोलह साल का लड़का, जिसका चेहरा, जुबान और आँखे बाहर निकलने के कारण विकृत हो चुका था
"लीजिये !,एक और भगौड़ा फांसी पर लटक कर चला आया है।"मृत्युलोक का लेखा -जोखा देखने वाले से स्वर्ग के दरोगा ने कहा।
"तो ले जाओ इसे भी और नर्क में डाल दो।जितनी जिंदगी लिखी थी।उतनी उम्र तक फांसी पर बराबर लटकाते रहो।और साथ ही इसके नीचे हड्डी पिघला देने वाली आग भी जला दी जाए ।"
"लेकिन इतनी सख्त दोहरी सज़ा..., क्यों?"दरोगा ,बालक की कम उम्र देख कर उसके लिए विचलित हो उठा।
"हाँ..!दोहरी सजा,क्योकिं दुनियां में ये ना दीनहीन था, ना दुखी। बल्कि सर्वसुखों से परिपूर्ण था फिर भी इसने... !"
"परन्तु ऐसे तो कई भगौड़े आये ,किन्तु उन्हें तो दोहरी सजा नहीं मिली।"
"नहीं दरोगा जी ! ये मामला उनसे अलग है। इस बालक को कई माध्यमों से छोटी मोटी असफलता से विचलित न होने का सन्देश तथा आगामी सुनहरे भविष्य का भरोसा दिलाया गया था ।"
"कैसा सुनहरा भविष्य मुंशी जी! ये तो एक बड़े ही महत्वपूर्ण परीक्षा में असफल हो गया। जिससे व्यथित होकर इसने ऐसा आत्मघाती कदम उठाया। "
"महत्वपूर्ण परीक्षा? ये किसने निश्चित कर दिया ।उन्होंने प्रतिप्रश्न किया ।इस बालक के भाग्य में इससे कहीं बड़ी परीक्षा में सफल होने का योग था ।यदि यह बालक इस परिक्षा में सफल हो जाता तो उस सफलता का क्या होता ? इसने भाग्यविधाता के रचे उस सौभाग्य को ठुकराया है । "
"ओह!अच्छा..!ये कह कर दरोगा के चेहरे पर कठोर भाव उत्पन्न हो गये। तब तो निश्चित ही ये कठोर दंड का हक़दार है।"
कह कर दरोगा,दंड सुनकर पीले पड़े ,रोते बिलखते भगौड़े को घसीट कर नर्क की ओर ले जाने लगा।
मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by Samar kabeer on May 14, 2017 at 7:46pm
मोहतरमा राहिला साहिबा आदाब,अच्छी लगी आपकी लघुकथा,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on May 14, 2017 at 12:50pm
"भगोड़े"-क्रम में आपकी एक और बेहतरीन रचना। छात्रों, प्रतियोगियों, निराशावादियों, पालकों, शिक्षकों सभी को सबक़ व प्रेरणा देती बढ़िया रचना। तहे दिल से बहुत-बहुत बधाई आपको आदरणीय राहिला जी। क्या इस पर भी मैं 'सीक्वल-लघुकथा' लिखने की कोशिश कर सकता हूं???
Comment by Anand Prakash on May 14, 2017 at 12:14pm

बहुत अच्छी लघु कथा है
असफलता ही सफलता की कुंजी है। असफलता को स्वीकारने वाला ही सफलता का असली हक़दार है, इससे मुँह मोड़ने वाला कायर

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