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गजल - मेरा दिल है कि गम का कारखाना है!

१२२२ १२२२ १२२२

मेरा दिल है कि गम का कारखाना है!
जगह यह अब सनम का कारखाना है!!

वे आँखे जुल्फ़,पलकें, रंग,लब,भौंहे!
वो चहरा है कि बम का कारखाना है!!

नहीं है सच यहाँ कुछ भी जो दिखता है!
ये दुनिया बस वहम का कारखाना है!!

गई है माँ तु जिस दिन से खुदा के घर!
ये घर तब से सितम का कारखाना है!!

कि इंसां तो ख़ताओं का है इक पुतला!
खुदा 'राहुल' रहम का कारखाना है!!

मौलिक व अप्रकाशित!

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Comment

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Comment by Rahul Dangi Panchal on January 4, 2015 at 9:35am
आदरणीय ajay sharma जी बहुत बहुत शुक्रिया! आपको शे'र पसंद आया शे'र पुरा हुआ!
Comment by Rahul Dangi Panchal on January 4, 2015 at 9:33am
Dr. Vijai Shanker जी सादर धन्यवाद स्वीकार करें! आपको भी नव वर्ष की ढ़ेंरो शुभकामनाएँ
Comment by ajay sharma on January 3, 2015 at 10:49pm

wah wah wah wah wah,...,......speechless     

गई है माँ तु जिस दिन से खुदा के घर!
ये घर तब से सितम का कारखाना है!! is sher se khoobsoorat kya hoga .......uttam ...atiuttam .........radif  ..ka sunder nirwah 

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 3, 2015 at 10:04pm
नहीं है सच यहाँ कुछ भी जो दिखता है!
ये दुनिया बस वहम का कारखाना है!!
सुन्दर, बधाई , आदरणीय राहुल डांगी जी, नव वर्ष शुभ एवं मंगलमय हो। सादर।
Comment by Hari Prakash Dubey on January 3, 2015 at 8:23pm

गई है माँ तु जिस दिन से खुदा के घर!
ये घर तब से सितम का कारखाना है........बहुत ही बढ़िया , सुन्दर रचना , हार्दिक बधाई राहुल जी आपको !

Comment by Anurag Prateek on January 3, 2015 at 7:20pm

जबरदस्त तरक्की  वह वह वाह वाह  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 3, 2015 at 6:02pm

सुन्दर  ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई

Comment by ram shiromani pathak on January 3, 2015 at 5:42pm
वाह भाई वाह।।हार्दिक बधाई
Comment by Shyam Narain Verma on January 3, 2015 at 4:54pm

बहुत खूब .... शानदार ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई 

Comment by Rahul Dangi Panchal on January 3, 2015 at 3:07pm
आदरणीय Sushil Sarna जी बहुत बहुत धन्यवाद!

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