For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल -- मोतिओं की तरह जगमगाते रहो --सलीम रज़ा रीवा

फ़ाएलुन / फ़ाएलुन / फ़ाएलुन / फ़ाएलुन 

212 // 212 // 212 // 212

मोतिओं की तरह जगमगाते रहो 
बुलबुलों की तरह चहचहाते रहो
 
जब तलक आसमां में सितारें रहे 
ज़िंदगी भर सदा मुस्कुराते रहो 
 
इन फ़िज़ाओं में मस्ती सी छा जाएगी 
अपनी ज़ुल्फ़ों की ख़ुश्बू उड़ाते रहो 
 
हम भी तो आपके जां निसारों में है 
क़िस्सा ए  दिल हमें भी सुनाते रहो
 
 देखना रोशनी कम न   होवे कहीं
इन चराग़ों की लौ को बढ़ाते रहो 
 
इतनी खुशियां मिले ज़िंदगी में तुझे 
दोनों हांथों से सब को लुटाते रहो
 
रंगे गुल रुख़ पे हर दम नुमाया रहे  

जब निगांहे मिले मुस्कुराते रहो 

09424336644--सलीम रज़ा रीवा

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 652

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mukesh Verma "Chiragh" on May 9, 2014 at 11:54am

आदरणीय सलीम जी
अच्छी ग़ज़ल पर बहुत बहुत मुबारकबाद

Comment by SALIM RAZA REWA on May 8, 2014 at 10:09pm

thanks lot MAHIMA SHREE ji 

Comment by MAHIMA SHREE on May 8, 2014 at 9:15pm

वाह बहुत खूब .. खुबसूरत ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई /

Comment by SALIM RAZA REWA on May 7, 2014 at 10:12pm

janab  शिज्जु शकूर  ji aapka dili shukriya..

Comment by SALIM RAZA REWA on May 7, 2014 at 10:11pm

aadarniya ..badi bahan coontee mukerji ji aapka dili shukriya 

Comment by SALIM RAZA REWA on May 7, 2014 at 10:10pm

Shyam Narain Verma  JI BAHUT BAHUT SHUKRIYA


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 7, 2014 at 9:10pm

बहुत खूब जनाब सलीम रज़ा साहब दिली दाद कुबूल फरमायें

Comment by coontee mukerji on May 7, 2014 at 6:00pm

सुंदर गज़ल के लिये हार्दिक बधाई.

Comment by Shyam Narain Verma on May 7, 2014 at 10:13am
बहुत सुन्दर गजल।  ढेरों दाद कुबूल करें। सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
17 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
17 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
18 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service