For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - अब हो रहे हैं देश में बदलाव व्यापक देखिये

एक पुरानी ग़ज़ल....
शायद २००९ के अंत में या २०१० की शुरुआत में कही थी मगर ३ साल से मंज़रे आम पर आने से रह गयी...
इसको मित्रों से साझा न करने का कारण मैं खुद नहीं जान सका खैर ...
पेश -ए- खिदमत है गौर फरमाएं ............


अब हो रहे हैं देश में बदलाव व्यापक देखिये

शीशे के घर में लग रहे लोहे के फाटक देखिये

जो ढो चुके हैं इल्म की गठरी, अदब की बोरियां
वह आ रहे हैं मंच पर बन कर विदूषक देखिये

जिनके सहारे जीत ली हारी हुई सब बाजियां
उस सत्य के बदले हुए प्रारूप भ्रामक देखिये

जब आप नें रोका नहीं खुद को पतन की राह पर
तो इस गिरावट के नतीजे भी भयानक देखिये

इक उम्र जो गंदी सियासत से लड़ा, लड़ता रहा
वह पा के गद्दी खुद बना है क्रूर शासक देखिये

किसने कहा था क्या विमोचन के समय, सब याद है
पर खा रही हैं वह किताबें, कब से दीमक देखिये

जनता के सेवक थे जो कल तक, आज राजा हो गए
अब उनकी ताकत देखिये उनके समर्थक देखिये

(बाहर-ए-रजज मुसम्मन सालिम)

Views: 887

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वीनस केसरी on November 27, 2012 at 1:27am

shalini kaushik जी तहे दिल से ममनून हूँ

Comment by shalini kaushik on November 27, 2012 at 12:23am

जनता के सेवक थे जो कल तक, आज राजा हो गए
अब उनकी ताकत देखिये उनके समर्थक देखिये

बहुत सार्थक प्रस्तुति .आभार 

Comment by वीनस केसरी on November 26, 2012 at 11:23pm

धन्यवाद राजेश कुमारी जी
पूरी ग़ज़ल और विशेष रूप से दो अशआर को विशेष रूप से पसंद करने के लिए और अपना कीमती समय इस रचना को देने के लिए आपका आभरी हूँ


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 26, 2012 at 8:27pm

जिनके सहारे जीत ली हारी हुई सब बाजियां 
उस सत्य के बदले हुए प्रारूप भ्रामक देखिये 

जब आप नें रोका नहीं खुद को पतन की राह पर
तो इस गिरावट के नतीजे भी भयानक देखिये----बहुत खूब!! हर अशआर  में व्यंग्य के आवरण में एक सन्देश छिपा है बहुत पसंद आई यह ग़ज़ल ये दो शेर तो बहुत ही ज्यादा पसंद आये दाद कबूल करें वीनस जी 

Comment by वीनस केसरी on November 26, 2012 at 5:18pm

Dr.Prachi Singh ji

haardik aabhar


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 26, 2012 at 2:20pm

बहुत सुन्दर ग़ज़ल वीनस जी, समाज के विभिन्न आयामों की हकीकत बयान करते अशआर सब एक से बढ़ कर एक हैं. हार्दिक बधाई 

Comment by वीनस केसरी on November 26, 2012 at 2:10pm

Laxman Prasad Ladiwala

शुक्रिया आदरणीय
जियादा इंतज़ार नहीं करवाऊंगा
वादा रहा आपसे ...

Comment by वीनस केसरी on November 26, 2012 at 2:10pm

Nilansh जी तहे दिल से आभार

Comment by वीनस केसरी on November 26, 2012 at 2:08pm

अजय शर्मा जी

शुक्रिया
शुक्रिया
शुक्रिया
शुक्रिया

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 26, 2012 at 10:19am

स्वागत है रहेगा इंतजार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
1 hour ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
1 hour ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service