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परमपिता के श्रीचरणों में, महफ़िल सजे तिहारी

हमारे प्यारे काका राजेश खन्ना के देहावसान पर  अलबेला खत्री की शब्दांजलि

छन्न पकैया - छन्न पकैया, कहाँ चले तुम काका
छोड़ के अपना देश आपने रुख ये किया कहाँ का

छन्न पकैया - छन्न पकैया,  मुमताज़ रो पड़ेगी
दो दो हीरो एक साथ गये, दुःखड़ा किसे कहेगी

छन्न पकैया - छन्न पकैया, पहलवान के पीछे
अपना सुपर स्टार चला गया, अपनी आँखें मीचे  

छन्न पकैया - छन्न पकैया, श्रद्धांजली हमारी
परमपिता के श्रीचरणों में, महफ़िल सजे तिहारी

छन्न पकैया - छन्न पकैया, आँखें हैं भर आई 
बहुत दुखी हूँ खो कर अपना , प्यारा खत्री भाई

-अलबेला खत्री

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Comment

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Comment by Albela Khatri on July 19, 2012 at 11:16am

धन्यवाद अरुण जी
सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 19, 2012 at 11:07am

बेहद सुन्दर शब्दांजलि अलबेला जी और भाई अम्बरीश जी

Comment by Albela Khatri on July 19, 2012 at 10:46am

//छन्न पकैया - छन्न पकैया, कहाँ चले तुम काका
छोड़ के अपना देश आपने रुख ये किया कहाँ का//

छन्न पकैया-छन्न पकैया, बुला रहे थे आका.

ऊपर उनको रोल मिला हैं, चले गए सो काका..

छन्न पकैया - छन्न पकैया, रोल निभाना अच्छा

ऊपर भी फ़िल्में बनती हैं, जान गया ये बच्चा

//छन्न पकैया - छन्न पकैया,  मुमताज़ रो पड़ेगी
दो-दो हीरो एक साथ गये, दुःखड़ा किसे कहेगी //

छन्न पकैया-छन्न पकैया, कितने हीरो खोये.

उसका दर्द सहा नहिं जाये, बुक्का फाड़े रोये..

छन्न पकैया - छन्न पकैया, बुक्का क्या होता है

प्रशंसकों का दुःख तो भाई जिगर फाड़ रोता है


//छन्न पकैया - छन्न पकैया, पहलवान के पीछे
अपना सुपर स्टार चला गया, अपनी आँखें मीचे// 
छन्न पकैया-छन्न पकैया, सबको इक दिन जाना.

सत्कर्मों का माल समेटें, पथ जाना पहचाना..

छन्न पकैया - छन्न पकैया, सच्ची बात कही है

इस दुनिया में सदा सदा को किसकी ज़ात रही है


//छन्न पकैया - छन्न पकैया, श्रद्धांजली हमारी
परमपिता के श्रीचरणों में, महफ़िल सजे तिहारी//
छन्न पकैया-छन्न पकैया, दिल में रखना रब को.

चले गए जो दोनों भाई, श्रद्धा-अंजलि उनको..

छन्न पकैया - छन्न पकैया, काका के संग  दारा

मेहँदी हसन के साथ गया, ज्यों जगजीत हमारा


//छन्न पकैया - छन्न पकैया, आँखें हैं भर आई 
बहुत दुखी हूँ खो कर अपना , प्यारा खत्री भाई//

छन्न पकैया-छन्न पकैया, आँखों में है पानी.

खत्री तो वह बहुत बाद में, पहले हिन्दुस्तानी..

छन्न पकैया - छन्न पकैया, हीरा वह इन्सानी 

दुनिया भर ने माना उसको, हीरो हिन्दुस्तानी

 

छन्न पकैया-छन्न पकैया, सब हैं अपने भाई.

सुंदर छन्न पकैया सारी, दिल से तुम्हें बधाई..

छन्न पकैया - छन्न पकैया, स्वागत स्वागत भाई 

तुमने कर सिंगार सलोना, शोभा और बढ़ाई

 

छन्न पकैया-छन्न पकैया, मीटर तो फिट प्यारे.

फिर भी अटके नदिया धारा, चेक करने को आ रे..      सादर

छन्न पकैया - छन्न पकैया, मीटर वीटर  छोड़ो

दिल की बात दिलों तक जाये, ऐसा इन्जिन जोड़ो

___________________________________सादर सादर सादर

___________धन्य हो अम्बरीश जी........

___________आभार

Comment by Albela Khatri on July 19, 2012 at 10:44am

छन्न पकैया - छन्न पकैया,   जीवन  की  सच्चाई.. .
’इस अपने’ का जाना सुन कर आँख मग़र भर आई

 
नि:सन्देह  उनकी  अदाओं को हम तब देखते थे जब  पायजामे का नाड़ा भी बांधना नहीं आता था
 

___सादर प्रणाम आदरणीय सौरभ जी
____दिवंगत आत्मा को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 19, 2012 at 10:26am

छन्न पकैया - छन्न पकैया,   जीवन  की  सच्चाई.. .
’इस अपने’ का जाना सुन कर आँख मग़र भर आई

 

बहुत कुछ घूम गया है आँखों के सामने.. .  बहुत कुछ..  ! .. हम तब निरे बच्चे हुआ करते थे. मगर ’उसकी’ धमक का मतलब समझने लगे थे.

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 19, 2012 at 9:58am

//छन्न पकैया - छन्न पकैया, कहाँ चले तुम काका
छोड़ के अपना देश आपने रुख ये किया कहाँ का//

छन्न पकैया-छन्न पकैया, बुला रहे थे आका.

ऊपर उनको रोल मिला हैं, चले गए सो काका..

//छन्न पकैया - छन्न पकैया,  मुमताज़ रो पड़ेगी
दो-दो हीरो एक साथ गये, दुःखड़ा किसे कहेगी //

छन्न पकैया-छन्न पकैया, कितने हीरो खोये.

उसका दर्द सहा नहिं जाये, बुक्का फाड़े रोये..


//छन्न पकैया - छन्न पकैया, पहलवान के पीछे
अपना सुपर स्टार चला गया, अपनी आँखें मीचे// 
छन्न पकैया-छन्न पकैया, सबको इक दिन जाना.

सत्कर्मों का माल समेटें, पथ जाना पहचाना..


//छन्न पकैया - छन्न पकैया, श्रद्धांजली हमारी
परमपिता के श्रीचरणों में, महफ़िल सजे तिहारी//
छन्न पकैया-छन्न पकैया, दिल में रखना रब को.

चले गए जो दोनों भाई, श्रद्धा-अंजलि उनको..


//छन्न पकैया - छन्न पकैया, आँखें हैं भर आई 
बहुत दुखी हूँ खो कर अपना , प्यारा खत्री भाई//

छन्न पकैया-छन्न पकैया, आँखों में है पानी.

खत्री तो वह बहुत बाद में, पहले हिन्दुस्तानी..

 

छन्न पकैया-छन्न पकैया, सब हैं अपने भाई.

सुंदर छन्न पकैया सारी, दिल से तुम्हें बधाई..

 

छन्न पकैया-छन्न पकैया, मीटर तो फिट प्यारे.

फिर भी अटके नदिया धारा, चेक करने को आ रे..      सादर

Comment by Albela Khatri on July 19, 2012 at 9:47am

आप ठीक कह रही हैं  राजेश कुमारी जी......
धन्यवाद
सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 19, 2012 at 8:14am

बहुत सुन्दर भाव भीनी श्रधान्जली दी  है अलबेला जी हमारी भी विनम्र श्रधान्जली राजेश खन्ना जी को ,अंतिम पंक्ति में हूँ की जगह है करलें तो अर्थ सही रहेगा पंक्ति का 

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