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मेरा यार मुझसे जुदा हुआ,                                               

मेरी जान जैसे निकल गई.

मुझे प्यार उसका न मिल सका,

मेरी आह मुझमे ही मिल गई.

उसे चाहना या न चाहना

उसे पूजना या न पूजना 

मेरी चाहतों का हिसाब क्या,

मेरी रूह भी हो विकल गई..

मुझे प्यार उसका न मिल सका,

मेरी आह मुझमे ही मिल गई..

कोई और तेरा न नाम ले 

तुझे रख सकूँ निगाह में

तेरी बात भी जो हुई कहीं,

जुबाँ यार मेरी फिसल गई..

मुझे प्यार उसका न मिल सका,

मेरी आह मुझमे ही मिल गई..

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Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on April 15, 2012 at 7:14pm

मुझे प्यार उसका न मिल सका,

मेरी आह मुझमे ही मिल गई.

उसे चाहना या न चाहना

उसे पूजना या न पूजना 

मेरी चाहतों का हिसाब क्या,

मेरी रूह भी हो विकल गई..

प्रिय शैलेन्द्र जी बिछोह होता ही ऐसा है --मन कुछ प्यारा चाहे और न मिले तो ..

सुन्दर रचना 
बधाई 
भ्रमर ५ 

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 15, 2012 at 5:15pm

बहुत खूब शैलेन्द्र जी , अच्छी रचना , ऐसे ख्यालात यूँ ही नहीं आते :-)

बधाई स्वीकार करें |

Comment by Sarita Sinha on April 15, 2012 at 1:14pm

शैलेन्द्र जी नमस्कार, बहुत अच्छा लिखा है ..जो चला गया वो कभी मिल भी जाये गा...dont worry

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 15, 2012 at 1:26am

"आदरणीय सतीश सर सादर नमन, बिल्कुल सही कहा आपने "जौ माँगा पाइअ बिधि पाहीं, ए रखिअहिं सखि  आँखिन्ह माही."

प्रोत्साहन हेतु कोटि कोटि धन्यवाद सर

Comment by satish mapatpuri on April 15, 2012 at 12:44am

कोई और तेरा न नाम ले

तुझे रख सकूँ निगाह में

चाहत की  यही प्रकृति है ......... प्रेयसी को दुनिया की निगाहों से छिपा कर रखना ही तो हर प्रेमी का यत्न होता है ....... बहुत खूब , बधाई मृदु जी

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 14, 2012 at 1:09pm

आदरणीय Arun Kumar Pandey 'Abhinav सर सादर नमन, प्रोत्साहन हेतु कोटि कोटि धन्यवाद

Comment by Abhinav Arun on April 14, 2012 at 12:50pm

उसे चाहना या न चाहना

उसे पूजना या न पूजना 

मेरी चाहतों का हिसाब क्या,

मेरी रूह भी हो विकल गई..

अति सुन्दर इस अभिव्यक्ति पर अनंत बधाइयाँ !!

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 14, 2012 at 10:22am

आदरनीय Raj Lally Sharma सर प्रोत्साहन हेतु आभार

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 14, 2012 at 10:19am

आदरणीय सौरभ सर सादर प्रणाम, सर ऑडिट पे गया हुआ था लौटते समय रास्ते में वो बस ऐसे ही गुनगुना रहा था, वही यहाँ पर पोस्ट कर दिया.   आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयत्न करूँगा.

                                                                                सादर

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 14, 2012 at 10:13am

श्री arunendra mishra जी सराहना हेतु आभार

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