For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैं भी गलती करता हूँ (तरही गजल)

बह्र 22 22 22 2

हाड़ मास का पुतला हूँ
मैं भी गलती करता हूँ ||

बच्चों को फुसलाने में
दिल रोये पर हँसता हूँ ||

जाति धर्म के बीच फँसी
लोक तंत्र की जनता हूँ||

सीख न पाया मैं लहजा
यूँ तो ग़ज़लें कहता हूँ ||

जीवन नश्वर है फिर भी
आशाओं पर जीता हूँ ||

अंक गणित सा जीवन है
गुणा भाग में उलझा हूँ ||

साथ लिए  इक ख़ालीपन
"अपनी धुन में रहता हूँ ||"


(मौलिक व अप्रकाशित)'₹

Views: 1427

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on March 5, 2017 at 5:53pm
आद0 जयनित मेहता जी सादर आभार।
Comment by नाथ सोनांचली on March 5, 2017 at 5:53pm
आदरणीय महेंद्र जी सादर अभिवादन। हौसला अफजाई के लिए ह्रदय की गहराईयो से आभार।
Comment by नाथ सोनांचली on March 5, 2017 at 5:52pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, सादर अभिवादन। आपको गजल पसन्द आयी, नयी ऊर्जा का संचार हुआ, आभार आपका।
Comment by नाथ सोनांचली on March 5, 2017 at 5:51pm
आदरणीय भाई डॉ आशुतोष मिश्र जी हौसला अफजाई केलिए सादर आभार, यूँही प्यार बनाये रखें।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 5, 2017 at 2:54pm
आदरणीय सुरेन्द्रजी सीधे सरल शब्दों में आम बात इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए ढेर सारी बधाई सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 23, 2017 at 8:12am

आदरनीय सुरेन्द्र भाई , बहुत अच्छी गज़ल हुई है , छोटी बहर मे , हार्दिक बधाइयाँ ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 23, 2017 at 8:01am

आदरनीय सुरेन्द्र भाई , छोटी बहर मे बेहतरीन गज़ल कही है , दिली बधाइयाँ स्वीकार करें ।

Comment by Mahendra Kumar on February 22, 2017 at 9:06pm
बहुत ख़ूब आदरणीय सुरेन्द्र जी। इस उम्दा ग़ज़ल के लिए ढेर सारी बधाई स्वीकार कीजिए। सादर।
Comment by जयनित कुमार मेहता on February 22, 2017 at 3:25pm
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई है आदरणीय।
Comment by नाथ सोनांचली on February 21, 2017 at 4:49pm
आदरणीया नीलम उपाध्याय जी सादर आभार, गहराई से शिरकत कर हौसला अफजाई के लिए।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
16 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
16 hours ago
Tilak Raj Kapoor updated their profile
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
17 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service