For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा : विरोध (गणेश जी बागी)

बेरोजगारी निवारण विधेयक वापस लो.. वापस लो, सरकार की मनमानी नहीं चलेगी...नहीं चलेगी.....

“मम्मी मम्मी जल्दी आओं, टीवी पर पापा को दिखा रहे हैं.”

“अच्छा....”

“मम्मी ये बेरोजगारी निवारण विधेयक क्या है ?”

“पता नहीं बेटा, शाम में जब तेरे पापा आयेंगे तो पूछ कर बताउंगी.”

“सुनिए जी, आज आपको मुन्ना टीवी पर देख बहुत खुश हो रहा था. वैसे एक बात बताइये ये बेरोजगारी निवारण विधेयक क्या है ?”

“पता नहीं यार, मैंने नहीं पढ़ा.”

“फिर आप इसका विरोध क्यों कर रहें है.”

“अरे गज़ब बात करती हो ! अब क्या तुम्हे यह भी बताना होगा कि मैं विरोधी दल का नेता हूँ.”

(मौलिक व अप्रकाशित)
पिछला पोस्ट =>साहस

Views: 865

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on January 18, 2016 at 6:48pm
हाहा हा।वाह्ह्ह्ह् !अब विरोधी दल के नेता का तो यही कर्तव्य है।बेहतरीन कटाक्ष।बधाई आदरणीय।
Comment by kanta roy on June 17, 2015 at 12:01am
वाह !!! का विरोधी दलवा के ई नेता होईहै । बहुत ही सुंदर और सार्थक लघुकथा ....... बहुत बढिया है जी यह आदरणीय गणेश जी बागी जी .... बधाई हो

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 23, 2015 at 11:04am

आदरणीय सौरभ भईया, लघुकथा पर आपकी उपस्थिति इसके होने को सार्थक कर गयी, बहुत बहुत आभार.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 23, 2015 at 11:04am

आदरणीय गिरिराज भंडारी भाई साहब, लघुकथा को सराहने हेतु बहुत बहुत आभार.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 23, 2015 at 11:01am

आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी, आप द्वारा लघुकथा पर उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार.

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 22, 2015 at 9:07pm

आदरणीय सर, सादर अभिवादन! क्या कहूँ, आज के माहौल में सटीक बात तो है ही.। लघुकथा का मर्म भी आप अच्छी तरह समझाते है 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 22, 2015 at 5:58pm

सीधी बात.. तीखा कटाक्ष..

यही एक विरोध का कारण रह गया है कि संज्ञावत कोई व्यक्ति विरोधी पक्ष में है. न दायित्व निर्वहन के भाव, न जनता के लाभ की चिन्ता. बस हर सही-न सही बातों का विरोध.

लघुकथा के माध्यम से चुटीली शैली में आपने आज की राजनीति के सबसे लापरवाह पक्ष को साझा किया, भाई गणॆशजी ..

हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाइयाँ


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 22, 2015 at 5:28pm

सराहना हेतु आभार आदरणीय मोहन सेठी जी.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 22, 2015 at 5:22pm

आदरणीय मिथिलेश जी, लघुकथा पर आपका आगमन और सराहना दोनों मुग्धकारी है, बहुत बहुत आभार.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 22, 2015 at 5:21pm

बहुत बहुत आभार आदरणीया महिमा जी.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam posted a blog post

तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या

२१२२ २१२२ २१२२ २१२इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्यावैसे भी इस गुफ़्तगू से ज़ख़्म भर…See More
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

"मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२*****पसरने न दो इस खड़ी बेबसी कोसहज मार देगी हँसी जिन्दगी को।।*नया दौर जिसमें नया ही…See More
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर

1222-1222-1222-1222जो आई शब, जरा सी देर को ही क्या गया सूरज।अंधेरे भी मुनादी कर रहें घबरा गया…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"जय हो.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह .. एक पर एक .. जय हो..  सहभागिता हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अशोक…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या बात है, आदरणीय अशोक भाईजी, क्या बात है !!  मैं अभी समयाभाव के कारण इतना ही कह पा रहा हूँ.…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुतियों पर विद्वद्जनों ने अपनी बातें रखी हैं उनका संज्ञान लीजिएगा.…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी सहभागिता के लि हार्दिक आभार और बधाइयाँ  कृपया आदरणीय अशोक भाई के…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाई साहब, आपकी प्रस्तुतियाँ तनिक और गेयता की मांग कर रही हैं. विश्वास है, आप मेरे…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, इस विधा पर आपका अभ्यास श्लाघनीय है. किंतु आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदत्त चित्र…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाईजी, आपकी कहमुकरियों ने मोह लिया.  मैंने इन्हें शमयानुसार देख लिया था…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service