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***इक पल मैं हूँ..........***

इक पल मैं हूँ..........


इक पल मैं हूँ इक पल है तू
इक पल का सब खेला है
इक पल है प्रभात ये जीवन
इक पल सांझ की बेला है
इक पल मैं हूँ..........

ये काया तो बस छाया है
इससे नेह लगाना क्या
पूजा इसकी क्या करनी
ये मिट्टी का ढेला है
इक पल मैं हूँ..........

प्रश्न उत्तर के जाल में उलझा
मानव मन अलबेला है
क्षण भंगुर इस जिस्म में लगता
साँसों का हर पल मेला है
इक पल मैं हूँ ………


अंत पंथ का अविदित है
है अपरिचित हर पल यहाँ
अमर नहीं कोई इस जग में
ये जग चला-चली का मेला है
इक पल मैं हूँ ………


सुशील सरना


मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by Sushil Sarna on December 9, 2013 at 1:22pm

aadrneey Saurabh Pandey jee rachna par aapkee smeekshaatmak pratikriya ke pritutr men vilamb ke liye kshma chahta hoon.....rachna ko aapkee snehasheesh ne aik oonchaaee prdaan kee hai....aapke sujhaav pr main amal karne ka bharsak praytan kroonga....hridy kee aseem gahraaeeyon se aapka haardik aabhaar...kripay apna sneh aur maargdarsh banaaye rakhain....dhnyvaad


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 8, 2013 at 2:58am

निरगुनिया शैली की इस रचना में ग्रामीण व्यवहार के सरस वातावरण की झींसियाँ और झँटास हैं. इसी कारण तो यह गीत सनातन नश्वरता को बखानता हुआ जब बेलौस टेर लगाता है तो उस समय भी शुष्क दार्शनिकता की कर्कशता से बचा रह पाता है. इस ढंग की प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद  व बधाई.

लेकिन नम्रतापूर्वक एक बात अवश्य कहूँगा  --क्योंकि अबतक आपकी दो-तीन भिन्न-भिन्न शैलियों की रचनाएँ देख गया हूँ--  अब आप गंभीर प्रयास करें तथा कविता तथा अन्यान्य विधाओं की रचनाओं के मानकों समझने का प्रयास करें.

सादर

Comment by Sushil Sarna on December 4, 2013 at 4:44pm

aa.Arun Sharma jee rachna par aapkee smeekshaatmak pratikriya aivm sujhaav ka haardik aabhaar...antim pankti ko edit kr punah patl pr prastuti karne ka pryaas kroonga....aapka sujhaam mere liye amuly hai..haardik aabhaar

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 4, 2013 at 1:50pm

आदरणीय आपने कविता के मध्यम से बहुत ही सुन्दर दृश उकेरा है प्रथम दो पंक्तियाँ बहुत ही सुन्दर बन पड़ी है प्रवाहमयी हैं अंतिम पंक्तीं में प्रवाह बाधित लगा, खैर इस सुन्दर रचना हेतु बधाई स्वीकारें.

Comment by Sushil Sarna on December 4, 2013 at 12:41pm

aa.Vijay Mishr jee rachna par aapkee madhur prashansa ka haardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 4, 2013 at 12:41pm

aa.Shijju shakoor jee rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar

Comment by विजय मिश्र on December 4, 2013 at 12:29pm
बहुत ही सुंदर गीत रचना .. सुंदर सन्देश भी . साधुवाद सुशीलजी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 3, 2013 at 11:27pm

आदरणीय सुशील जी अच्छा गीत रचा है आपने बधाई आपको

Comment by Sushil Sarna on December 3, 2013 at 7:41pm

aa.Dr.Gopal Narain Shrivastav jee rachna par aapkee snehaasheesh ka haardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 3, 2013 at 7:40pm

aa.Coontee Mukerji jee rachna par aapkee madhur pratikriya ka haardik aabhaar

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