For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

***हमसाया हो जाएगा ….***

हमसाया हो जाएगा ….
.
जब जिस्म से
साँसों का बंधन टूट जाता है
विछोह की वेदना में
हर शख्स शोक मनाता है
शोक में दुनियादारी के लिए
चंद अश्क भी बहाए जाते है
आपसी मतभेद छुपाये जाते हैं
याद किया जाता है उसके कर्मों को
उससे अपने प्रगाड़ सम्बन्धों के 
मनके गिनवाए  जाते  हैं  
ऐसे अवसरों पर अक्सर 
ऐसे शोक में डूबे
नजारे नजर आ जायेगे
और पल भर में अपने
आडम्बर की कहानी कह जायेंगे
ऐसे ही एक अवसर पर
जाने कितने काँधे
एक जिस्म को उठाने
के लिए आतुर थे
हाँ
आज वो सिर्फ और सिर्फ
एक जिस्म था
बेजान, निरीह
गुलाब के फूलों से सजा
कल तक जो चौखट
उसके आने का
इन्तजार करती थी
आज उस चौखट से
उसका नाता टूट गया
हर रिश्ते का धागा टूट गया
कौन जाने
किसके दिल में दर्द कितना है
जाने किसके सूखे अश्कों में
ये जिस्म दूर तक जिन्दा रह पायेगा
अपने बीते हुए हर पल की
कहानी कह पायेगा
हर रिश्ते की आँख
कुछ दिनों में सूख जायेगी
जिस्म जल जाएगा
अस्थियाँ गंगा में बह जायेंगी
सब अपना फर्ज निबाह कर
दुनियादारी में लग जायेंगे
किसके लिए शोक किया था
शायद ये भी भूल जायेंगे
फ्रेम में जड़ी तस्वीर के आगे
सिर को झुका के निकल जायेंगे
दुनियादारी के शोक तो
अश्कों के साथ बह जायेंगे
मगर
टूटा  है जिसका साथ
वो सदा के लिए
टूट जाएगा
उसका  हर अन्तरंग पल
उसकी अनुभूति से
गीला हो जाएगा
जिन्दा रहेगा जब तक
दिल
उसके  अक्स को
न भुला पायेगा
दिखेगा न किसी को
और
शोक दिल का
हमसाया हो जाएगा,हमसाया हो जाएगा,
हमसाया हो जाएगा ….
 
सुशील सरना
 
 मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 417

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on December 7, 2013 at 2:14pm

aadrneey Arun Sharma'Anant' jee rachna pr aapkee bhaab bheeni pratikriya ka haardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 7, 2013 at 2:13pm

aadrneey Sandeep Kumar Patel jee rachna par aapkee hrdiysparshee pratikriya ka hardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 7, 2013 at 2:12pm

aadrneey Dr.Prachi Singh jee rachna par aapkee maarmik pratikriya ka haardik aabhaar

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 6, 2013 at 2:55pm

आदरणीय सुशील जी बेहद भावपूर्ण अभिव्यक्ति मर्मस्पर्शी रचना हेतु बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on December 6, 2013 at 2:21pm

इस मर्मस्पर्शी रचना के लिए सादर बधाई स्वीकारें आदरणीय


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 6, 2013 at 12:02pm

आवागमन के क्रम में किसी अपने के खो देने के एहसास को ... ज़िंदगी में आये सूनेपन को.. भावभीनी मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति मिली है आ० सुशील सरना जी..

सादर शुभकामनाए 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद, इस्लाह और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आदाब,  ग़ज़ल पर आपकी आमद बाइस-ए-शरफ़ है और आपकी तारीफें वो ए'ज़ाज़…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज भाईजी के प्रधान-सम्पादकत्व में अपेक्षानुरूप विवेकशील दृढ़ता के साथ उक्त जुगुप्साकारी…"
8 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"   आदरणीय सुशील सरना जी सादर, लक्ष्य विषय लेकर सुन्दर दोहावली रची है आपने. हार्दिक बधाई…"
8 hours ago

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"गत दो दिनों से तरही मुशायरे में उत्पन्न हुई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की जानकारी मुझे प्राप्त हो रही…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मोहतरम समर कबीर साहब आदाब,चूंकि आपने नाम लेकर कहा इसलिए कमेंट कर रहा हूँ।आपका हमेशा से मैं एहतराम…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सौरभ पाण्डेय, इस गरिमामय मंच का प्रतिरूप / प्रतिनिधि किसी स्वप्न में भी नहीं हो सकता, आदरणीय नीलेश…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय समर सर,वैसे तो आपने उत्तर आ. सौरब सर की पोस्ट पर दिया है जिस पर मुझ जैसे किसी भी व्यक्ति को…"
11 hours ago
Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
18 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service