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1.

भ्रष्ट नेता रे,
लालची मतदाता,
लोकतंत्र है ?

2.

पढ़े लिखे हो ?
डाले हो कभी वोट ?
क्यो देते दोष ??

3.

देख लो भाई,
कौन नेता चिटर ?
तुम वोटर ।

4.

तुम हो कौन ?
सरकार है कौन  ?
जनता मौन ।

5.

क्या मानते हो ?
ये देश तुम्हारा है ।
मौन क्यों भाई ??

.
...........‘‘रमेश‘‘............
मोलिक अप्रकाशित

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 1, 2013 at 8:56pm

अच्छे हाइकु हुए हैं , भाई. बधाई

Comment by विजय मिश्र on September 30, 2013 at 11:24am
रमेशजी , लाँछन भी उचित और व्यक्त दुर्दशा भी . भारत की जनता को जाग्रत करने का सराहनीय प्रयास . बधाई .
Comment by Meena Pathak on September 29, 2013 at 4:22pm

बहुत सुन्दर हाइकू ... बधाई आप को 

Comment by annapurna bajpai on September 28, 2013 at 12:10am

बढ़िया हाइकु , बधाई आपको । आदरणीय रमेश जी । 

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on September 27, 2013 at 11:18pm

सुन्दर हाइकु आदरणीय  रमेश कुमार चौहान जी |

Comment by रमेश कुमार चौहान on September 27, 2013 at 8:49pm

आ. रविकरजी, आ.अभिनव अरूणजी, आ. रामशिरोमणी पाठकजी, आ. अरूण शर्माजी, आ.गिरिराज भंडारीजी आप सभी इस रचना को सराहा मुझे प्रोत्साहित किया आप सभी का हार्दिक आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 27, 2013 at 7:06pm

वर्तमान समय के उपर  बहुत सुन्दर  हाइकू के रचना हुई हैइ भाई , आदरणीय आपको बधाई !!

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 27, 2013 at 5:18pm

आदरणीय रमेश जी बहुत ही बढ़िया प्रयास हाइकू विधा पर हार्दिक बधाई स्वीकारें.

Comment by ram shiromani pathak on September 27, 2013 at 5:04pm

सुन्दर हाइकु रचे है आपने रमेश भाई //हार्दिक बधाई आपको //सादर

Comment by Abhinav Arun on September 27, 2013 at 4:33pm

पढ़े लिखे हो ?
डाले हो कभी वोट ?
क्यो देते दोष ??

 

          ...... मन भाये

                 जी हर्षाएं

                   हाइकू लाये

 

शुभकामनाये बहुत बहुत आदरणीय !! सामयिक सशक्त रचनाएँ !!

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