For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वो पिता होता है : सरिता भाटिया

दो छोटी रचनाएँ पिता को समर्पित                      

                      1.

थाम ऊँगली जो चलाये वो पिता होता है
प्यार छुपा जो डांट से समझाए वो पिता होता है
कंधे बिठा सारी दुनिया घुमाये वो पिता होता है
मोक्षद्वार हमारे ही कन्धों पर जाए वो पिता होता है

                                  2.

बच्चों की आँखों में अपने सपने सजाये
थाम ऊँगली जो चलाये वो पिता होता है
मील पत्थर बन सच्ची राह जो दिखाए
जोहरी बन भविष्य तराशे वो पिता होता है

(मौलिक व अप्रकाशित) 

Views: 653

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on June 12, 2013 at 9:42pm

आदरणीय बृजेश जी के विचारो से सहमत!

Comment by विजय मिश्र on June 12, 2013 at 5:46pm

जो अपने हृदय को न अभिव्यक्त करे और मस्तिष्क से नेह दे ,वह पिता होता है . जो प्रत्येक विपरीत परिस्थितिओं में आड़ दे और संघर्षशीलता में जीवन को संवार दे ,वह पिता होता है .  ----- सराहनीय रचना .सरिताजी साधुवाद .

Comment by vijay nikore on June 12, 2013 at 10:35am

भाव अच्छे लगे। बधाई।

सादर,

विजय निकोर

Comment by बृजेश नीरज on June 12, 2013 at 7:36am

आज जो कुछ भी हैं वह माता पिता की ही देन है। उनकी महिमागान जितना किया जाए उतना कम है। आपके इस प्रयास पर आपको ढेरों बधाई व शुभकामनाएं आदरणीया सरिता जी!

Comment by Sarita Bhatia on June 12, 2013 at 12:06am

सभी आदरणीय दोस्तों का तह दिल से आभार  मेरी रचना को परख कर सही मार्गदर्शन के लिए 

Comment by D P Mathur on June 10, 2013 at 9:29pm

पिता के अनेक रूपों का सटीक चित्रण है ।

Comment by ram shiromani pathak on June 10, 2013 at 8:25pm

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया//हार्दिक बधाई स्वीकार करें/

Comment by SAURABH SRIVASTAVA on June 10, 2013 at 8:01pm

bahut khoobsurat rachna hai 

Comment by सूबे सिंह सुजान on June 10, 2013 at 3:57pm

पिता को समर्पित  अच्छी रचना के लिये बधाई.............हमें भी पिता की याद दिलाई.........धन्यवाद....

पिता- जन्म देने वाला होता है

पिता-पालने वाला होता है..

सुन्दर सत्य होता है।

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 10, 2013 at 3:55pm
आदरणीया...सरिता जी, बहुत ही सुंदर पंक्तियां, "प्यार छुपा जो डांट से समझाए वो पिता होता है, कंधे बिठा सारी दुनिया घुमाय वो पिता होता है! मोक्छद्वार हमारे कंधो पर ही जाय वो पिता होता है ।....सचमुच पिता पर समर्पित रचना....आदरणीया शुभकामनाऐं स्वीकार करें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी ' मुसफ़िर' जी सादर अभिवादन अच्छी ग़ज़ल हुई है हार्दिक बधाई स्वीकार…"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीया रिचा यादव जी सादर अभिवादन बेहतरीन ग़ज़ल हुई है वाह्ह्हह्ह्ह्ह! शैर दर शैर दाद हाज़िर है मतला…"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सादर अभिवादन उम्द: ग़ज़ल हुई है हार्दिक बधाई शैर दर शैर स्वीकार करें!…"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी ' मुसफ़िर' जी सादर अभिवादन!आपका बहुत- बहुत धन्यवाद आपने वक़्त…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन।सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सादर नमस्कार आपका बहुत धन्यवाद आपने समय दिया ग़ज़ल तक आए और मेरा हौसला…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"जी, सादर आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. रिचा जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
7 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"जी सहृदय शुक्रिया आदरणीय इस मंच के और अहम नियम से अवगत कराने के लिए"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर"
11 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service